भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए USAID द्वारा दिए जाने वाली सहायता पर ट्रंप के खुलासे के बाद इस चर्चा गरम है। अब भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर अपना रिएक्शन दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने इस तरह की खबरें देखी और सुनी हैं कि अमेरिका की पूर्व सरकार ने भारत में चुनाव को प्रभावित करने के लिए फंडिंग करने की योजना बनाई थी।
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शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश की कुछ गतिविधियों के लिए 'USAID' द्वारा वित्त पोषण किए जाने के बारे में खुलासे 'बेहद परेशान करने वाले' हैं और इससे देश के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता पैदा हुई है।
जायसवाल ने यह भी कहा कि संबंधित अधिकारी मामले में जांच कर रहे हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा, 'हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ अमेरिकी गतिविधियों और वित्तपोषण के संबंध में दी गई जानकारी देखी है। ये स्पष्ट रूप से बहुत परेशान करने वाली हैं।'
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ट्रंप ने दिया था बयान
दरअसल एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) द्वारा भारत में वोटर टर्नआउट को बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए जाने संबंधी बयान दिया था। बाद में ट्रंप ने कहा था कि आखिर भारत को इतना पैसा क्यों दे रहे हैं।
उन्होंने कहा था, 'हमें इसकी क्या जरूरत थी, क्या पूर्व सरकार भारत में किसी और को चुनाव जिताने के लिए यह सब कर रही थी।' ट्रंप ने कहा कि हमें मौजूदा भारत सरकार को यह सब बताना होगा।
'कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी'
जायसवाल ने कहा, ‘‘इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की चिंताएं पैदा हुई हैं। संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इस समय कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। संबंधित अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम बाद में इस पर कोई अद्यतन जानकारी दे पाएंगे।’
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