कनाडा की सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के नए नेता मार्क कार्नी कनाडाई प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। नए पीएम बनने जा रहे मार्क ने अब भारत से संबंधों को लेकर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने साफ कर दिया है कि कनाडा भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को 'रिबिल्ड' करना चाहते हैं, जो जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में बिगड़ गए थे। 59 वर्षीय कार्नी नई दिल्ली के साथ ओटावा के व्यापारिक संबंधों में डायवर्सिटी लाना चाहते हैं।
'भारत के साथ संबंधों को फिर से मजबूत बनाने का मौका'
हाल ही में, अपने चुनाव से पहले कार्नी ने कैलगरी में मीडिया से बातचीत के दौरान कनाडा पर अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे पर खुलकर बात की। कार्नी ने कहा कि समान विचारधारा वाले देशों के साथ कनाडा अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना चाहता है और भारत के साथ संबंधों को फिर से मजबूत बनाने का भी मौका है। उन्होंने कहा, 'कॉमर्शियल रिलेशनशिप को लेकर एक साझा भावना होनी चाहिए और अगर मैं प्रधानमंत्री हूं तो मैं इसे मजबूत करना चाहूंगा।'
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कार्नी के कनाडा की कमान संभालने से भारत को लाभ यह होगा कि वह इंडिया की इकॉनोमी को गहराई से समझते हैं। वह जनवरी तक ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं जिसने भारत के रियल्टी, नवीकरणीय ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में निवेश किया है।
आर्थिक और रणनीतिक संबंध सुधरेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी कनाडा और भारत दोनों देशों को प्रभावित कर रही हैं। ऐसे में कनाडा के नए पीएम भारत के साथ संबंधों को लेकर नया नजरिया सामने पेश कर सकते हैं। इससे आर्थिक और रणनीतिक संबंध नई ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।