ओवल ऑफिस में डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर ज़ेलेंस्की के बीच शुक्रवार को हुई तीखी बातचीत के बाद, रूस के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेनी राष्ट्रपति की वॉशिंगटन डीसी की यात्रा को 'कीव की पूरी कूटनीतिक विफलता' करार दिया।
क्रेमलिन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने शनिवार को मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लिखित बयान में कहा, '28 फरवरी को वाशिंगटन की यात्रा कीव शासन की पूरी तरह से राजनीतिक और कूटनीतिक विफलता है।'
ज़खारोवा ने आगे कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति युद्ध को लंबा खींचने के लिए 'विचारों से भरे हुए' हैं और उन्होंने कहा कि मॉस्को का लक्ष्य यूक्रेन का 'विसैन्यीकरण' और रूस द्वारा वर्तमान में कब्जे वाले सभी क्षेत्रों पर कब्ज़ा करना है।
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ज़खारोवा ने दावा किया, 'वाशिंगटन में अपने दौरे के वक्त अपने बेहद खराब व्यवहार से ज़ेलेंस्की ने सिद्ध कर दिया है कि वह दुनिया के लिए काफी बड़ा खतरा हैं क्योंकि वह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से युद्ध भड़का सकते हैं।'
जेलिंस्की ने दिया अमेरिका को धन्यवाद
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलिंसिकी ने अमेरिका के लोगों और अमेरिकी राष्ट्रपति को धन्यवाद देते हुए कहा कि यूक्रेन मिनरल डील साइन करने के लिए तैयार हुआ है लेकिन यह काफी नहीं है हमें इससे ज्यादा की जरूरत है।
उन्होंने कहा, 'हम मिनरल डील साइन करने को तैयार हैं और सिक्युरिटी गारंटी की दिशा में यह पहला कदम होगा। लेकिन यह काफी नहीं है। बिना सिक्युरिटी गारंटी के सीजफायर डील यूक्रेन के लिए घातक है। हम तीन सालों से लड़ रहे हैं और यूक्रेन के लोग जानना चाहते हैं कि अमेरिका हमारी साइड है।'
यूरोपीय देश यूक्रेन के साथ
जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ ने भी यही भावना दोहराते हुए कहा, 'यूक्रेन के लोगों से ज़्यादा कोई शांति नहीं चाहता!' हम इस वजह से एक निष्पक्ष और दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए सहयोग कर रहे हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाई। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र, स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए उनकी लड़ाई एक ऐसी लड़ाई है जो हम सभी के लिए मायने रखती है। कनाडा न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने में यूक्रेन और यूक्रेनियन के साथ खड़ा रहेगा।'
अमेरिका से मिली थी 350 बिलियन डॉलर की मदद
बता दें कि अमेरिका ने फरवरी 2022 से मार्च 2025 यूक्रेन को लगभग 350 बिलियन डॉलर की सहायता दी है। इन 3 सालों में अमेरिका ने यूक्रेन को एडवांस हथियार सिस्टम, टैंक, वायु रक्षा प्रणाली और कॉम्बेट ट्रेनिंग जैसी मदद प्रदान की है। हालांकि, जेलेंस्की ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने यह बात पुतिन से भी सुनी थी। यह बात तो स्पष्ट है कि अमेरिकी सहायता ने यूक्रेन को बहुत मजबूत किया है लेकिन यह कहना कठिन है कि बिना इस सहायता के युद्ध कितने समय तक चलता। ऐसे में आइये जानें 3 सालों में यूक्रेन को अमेरिका से क्या-क्या मिला?