इजरायल को धमकी, अमेरिका से टक्कर; कितना ताकतवर है हूती?
दुनिया
• NEW DELHI 17 Mar 2025, (अपडेटेड 17 Mar 2025, 6:20 AM IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले तेज करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि तबाही की ऐसी बारिश होगी, जैसी पहले कभी देखी नहीं होगी। ऐसे में जानते हैं कि हूती विद्रोही कौन हैं? और कितने ताकतवर हैं?

यमन के हूती। (Photo Credit: PTI)
यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिका ने हवाई हमले कर दिए हैं। इस हमले में अब तक तीन दर्जन लोगों के मारे जाने की खबर है। लाल सागर में अमेरिकी जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमले के जवाब में अमेरिका ने मिसाइलें दागी हैं।
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, 'हूती आतंकियों। तुम्हारा वक्त पूरा हो गया। अमेरिका अब आसमान से ऐसी तबाही बरसाएगा, जो पहले कभी नहीं देखी होगी।'
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिका की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। ट्रंप ने ईरान से भी हूतियों का समर्थन बंद करने को कहा है। वहीं, हूती के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल-सलाम ने दावा किया कि 'अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लाल सागर में जहाजों पर खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं।' अब्दुल-सलाम ने कहा कि सिर्फ इजरायली जहाजों को निशाना बनाया जा रहा है।
President Trump is taking action against the Houthis to defend US shipping assets and deter terrorist threats.
— The White House (@WhiteHouse) March 15, 2025
For too long American economic & national threats have been under assault by the Houthis. Not under this presidency. pic.twitter.com/FLC0E8Xkly
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लाल सागर में हूतियों के हमले
अक्टूबर 2023 में इजरायल और हमास की जंग शुरू होने के बाद लाल सागर में हूती विद्रोहियों ने हमले तेज कर दिए हैं। हूती विद्रोही चुन-चुनकर इजरायली और अमेरिकी जहाजों को निशाना बना रहे हैं। नवंबर 2023 में हूती विद्रोहियों ने एक जहाज को भी हाईजैक कर लिया था। दावा था कि यह जहाज इजरायली कंपनी का है। हालांकि, इजरायल ने इसे खारिज कर दिया था।
अब हूतियों ने फिर से हमले तेज कर दिए हैं। क्योंकि इजरायल ने गाजा पट्टी को ब्लॉक कर दिया है। हूती विद्रोहियों ने और हमले करने की धमकी दी थी। हूती विद्रोहियों का कहना है कि वह फिलिस्तीनियों के लिए काम कर रहे हैं।
लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों की वजह से कई बड़ी शिपिंग कंपनियों को इसका इस्तेमाल बंद करना पड़ा है। समंदर से होने वाला 15 फीसदी कारोबार यहीं से होता है।
"To all Houthi terrorists, YOUR TIME IS UP..." –President Donald J. Trump pic.twitter.com/P4qwgyDs8c
— President Donald J. Trump (@POTUS) March 15, 2025
यमन के हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन हासिल है। ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा, 'ईरान को हूती विद्रोहियों का समर्थन करना बंद कर देना चाहिए, नहीं तो अमेरिका पूरी तरह से इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराएगा और हम उनके लिए अच्छे नहीं रहेंगे।'
अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2023 से अक्टूबर 2024 के बीच हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में 190 हमले किए हैं। इन हमलों का अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल ने जवाब दिया है।
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कौन हैं हूती विद्रोही?
90 के दशक में यमन के तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह को सत्ता से हटाने के लिए शिया जैदी समुदाय के लोगों ने इस संगठन को बनाया था।
इसका नाम इसके संस्थापक हुसैन अल-हूती के नाम पर पड़ा है। हूती विद्रोही खुद को 'अंसार अल्लाह' यानी 'अल्लाह का साथी' बताते हैं।
हूती विद्रोहियों को हमास और लेबनान के हिज्बुल्लाह का भी साथ मिला है। अमेरिका, इजरायल और पश्चिमी देशों के खिलाफ ईरान ने 'एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस' बनाया है। इसमें हूती भी शामिल हैं।
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कितने ताकतवर हैं हूती?
यमन में सबसे ताकतवर हूती विद्रोही ही हैं। वैसे तो अप्रैल 2022 में अब्दरब्बुह मंसूर हादी ने प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल को शक्तियां सौंपी थीं। यह काउंसिल सऊदी अरब से काम करती है। इसे ही यमन की आधिकारिक सरकार माना जाता है। हालांकि, माना जाता है कि हूती विद्रोही ही यमन को चलाते हैं। उत्तरी यमन में हूती टैक्स वसूलते हैं। उनकी अपनी करंसी भी है।
अनुमान है कि हूती विद्रोहियों के पास 1 से 1.5 लाख तक लड़ाके हैं। इनके पास कई खतरनाक हथियार भी हैं, जिनमें ड्रोन और मिसाइलें तक शामिल हैं। हूती विद्रोहियों को हिज्बुल्लाह से ट्रेनिंग मिलती है।
अमेरिका और सऊदी अरब आरोप लगाते हैं कि ईरान ने हूती विद्रोहियों को बैलिस्टिक मिसाइलें दी थीं। दावा है कि इन्हीं मिसाइलों ने हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद पर 2017 में हमला किया था। हालांकि, इन मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया गया था।
ईरान पर हूती विद्रोहियों को क्रूज मिसाइलें और ड्रोन्स देने का आरोप भी लगता है। हूती विद्रोहियों के पास कम रेंज वाली मिसाइलें भी हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, हूती विद्रोही अपने गुट में बच्चों की भी भर्ती करता है। 2020 की लड़ाई में 15 सौ से ज्यादा बच्चे मारे गए थे।
2018 में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि हूती विद्रोहियों को मिसाइल देकर ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है। हालांकि, ईरान ने इसे खारिज किया था।
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कितने हिस्से पर हैं हूती विद्रोहियों का नियंत्रण
90 के दशक की शुरुआत से ही हूती विद्रोही यमन की सरकार के खिलाफ लड़ रहे थे। 2004 में हुसैन अल-हूती की हत्या के बाद 6 साल तक यमन में गृहयुद्ध छिड़ा रहा।
साल 2014 में हूती विद्रोहियों की राजनीतिक ताकत तब बढ़ी, जब उन्होंने अपने दुश्मन रहे अली अब्दुल्लाह सालेह के साथ एक समझौता किया। समझौते के तहत, हूती विद्रोहियों ने सालेह को सत्ता में लाने का वादा किया। उस वक्त अब्दरब्बुह मंसूर हादी राष्ट्रपति थे।
उसके बाद से हूती विद्रोहियों ने यमन के उत्तर में सादा प्रांत पर कब्जा किया। 2015 की शुरुआत में हूती विद्रोहियों ने राजधानी सना पर भी नियंत्रण हासिल कर लिया। इसके बाद मंसूर हादी को देश छोड़ना पड़ा।
सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों को हटाकर हादी को सत्ता में लाने की कोशिश की। हालांकि, इसके बावजूद यमन के बड़े हिस्से पर हूती विद्रोही अपना नियंत्रण बरकरार रखने में कामयाब रहे। 2017 में हूती विद्रोहियों ने अली अब्दुल्लाह सालेह की हत्या कर दी, क्योंकि वे सऊदी अरब के साथ जाने की कोशिश कर रहे थे।
2003 में जब अमेरिका ने इराक पर हमला किया तो हूती विद्रोहियों ने नारा दिया- 'अल्लाह महान है। अमेरिका का खात्मा हो, इजरायल का खात्मा हो। यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम की जीत हो।'
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