भारतीय मूल के काश पटेल अमेरिका की जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी FBI के नए डायरेक्टर बन गए हैं। उनकी नियुक्ति को सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी मंजूरी दे दी है।
काश पटेल को राष्ट्रपति ट्रंप का वफादार माना जाता है। पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ही ट्रंप ने काश पटेल को FBI डायरेक्टर बनाने का ऐलान कर दिया था। FBI का डायरेक्टर नियुक्त होने पर काश पटेल ने राष्ट्रपति ट्रंप का शुक्रिया अदा किया।
इससे पहले अमेरिकी सीनेट में काश पटेल की नियुक्ति पर 30 घंटे तक बहस हुई। आखिरकार पटेल की नियुक्ति को सीनेट से 51-49 के वोटों से मंजूरी मिल गई। पटेल की नियुक्ति के खिलाफ सभी डेमोक्रेटिक सांसदों ने वोटिंग की थी।
यह भी पढ़ें-- US का 425 बिलियन डॉलर गोल्ड गायब? एलन मस्क के सवाल से बढ़ा विवाद
नियुक्ति के बाद क्या बोले पटेल?
काश पटेल FBI के 9वें डायरेक्टर होंगे। जब ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीता था तब चर्चा थी कि काश पटेल को खुफिया एजेंसी CIA का प्रमुख बनाया जा सकता है। हालांकि, ट्रंप ने उन्हें FBI का डायरेक्टर बनाया।
नियुक्ति को मंजूरी मिलने के बाद पटेल ने X पर लिखा, 'मुझे FBI के 9वें डायरेक्टर के नियुक्त होने पर सम्मानित महसूस हो रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी के विश्वास और समर्थन के लिए धन्यवाद।'
उन्होंने लिखा, 'FBI की एक शानदार विरासत है। अमेरिकी लोग एक ऐसी FBI के हकदार हैं जो पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के लिए प्रतिबद्ध हो। हमारे ज्यूडिशियल सिस्टम के राजनीतिकरण ने लोगों के भरोसे को खत्म कर दिया है लेकिन अब से ये नहीं होगा।'
काश पटेल ने अपनी पोस्ट में चेतावनी देते हुए लिखा, 'हम एक ऐसी FBI बनाएंगे जिस पर अमेरिकी गर्व करेंगे। जो लोग अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं वो इसे मेरी चेतावनी मानें। हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे, चाहे वो धरती के किसी भी कोने में चले जाएं।'
यह भी पढ़ें: भारत में एलन मस्क की एंट्री क्या मजबूरी है? समझें टेस्ला का पूरा प्लान
कौन हैं काश पटेल?
काश पटेल मूल रूप से गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। हालांकि, उनका जन्म अमेरिका में हुआ था। 44 साल के काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है। उनके पिता एक अमेरिकी एविएशन कंपनी में काम करते थे। काश पटेल ने रिचमंड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और उसके बाद न्यूयॉर्क वापस आकर कानून की डिग्री हासिल की।
पटेल हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के स्टाफ के तौर पर भी वो काम कर चुके हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां मिली थीं। काश पटेल ने इंटेलिजेंस कम्युनिटी और यूएस स्पेशल ऑपरेशन फोर्स के कई ऑपरेशन की देखरेख भी की है।

काश पटेल अमेरिकी रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ भी रह चुके हैं। उनके पद पर रहने के दौरान ही अमेरिका ने ISIS के मुखिया अल-बगदादी और अल-कायदा के कासिम अल रिमी को मार गिराने का ऑपरेशन चलाया था।
यह भी पढ़ें: जंजीर-बेड़ियों में बंधे दिखे अप्रवासी, व्हाइट हाउस ने शेयर किया Video
एनजीओ भी चलाते हैं काश पटेल
काश पटेल 'काश फाउंडेशन' नाम से एक एनजीओ भी चलाते हैं। ये एनजीओ सैन्य कर्मियों और कानूनी एजेंसियों को वित्तीय मदद करता है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था ये एनजीओ उन लोगों की भी मदद कर रहा है जिन पर साल 2021 में हुए कैपिटल हिल में हुए दंगे के आरोप हैं।
अपनी किताब 'गवर्नमेंट गैंगस्टर' में काश पटेल लिखते हैं कि 'मेरे माता-पिता बहुत अमीर नहीं थे। वो भारत से आए थे। मेरा पालन-पोषण हिंदू परिवार में हुआ, इसलिए मेरा परिवार मंदिर जाता था और घर में बने मंदिर में पूजा करता था।' इस किताब में पटेल लिखते हैं कि जब भी उनका मन नॉनवेज खाने का करता था तो पिता के साथ जाकर बाहर से खाकर आते थे, क्योंकि उनकी मां घर में नॉनवेज नहीं लाने देती थीं।