बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन जमात-चार मोनाई ने ऐलान किया है कि तालिबान की तर्ज पर बांग्लादेश में भी सत्ता बहाली की कोशिश की जाएगी और देश को अफगानिस्तान बनाने की राह पर चलाया जाएगा। जमात-चार मोनाई ने कहा है कि बांग्लादेश में इस्लामिक शरिया कानून लागू करेंगे। संगठन ने कहा है कि जैसे अफगानिस्तान में जिस मॉडल पर तालिबान चलता है, उसी तरह का मॉडल बांग्लादेश के लिए भी तैयार किया जाएगा। यह पार्टी का एजेंडा है।
बांग्लादेश में इस कट्टपंथी संगठन के ऐलान पर आवामी लीग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आवामी लीग ने आशंका जाहिर की है कि बांग्लादेश की महिलाओं की जिदंगी को जहन्नुम बनाने की तैयारी चल रही है, जैसे तालिबान ने अफगानिस्तान में किया है। जिस तरह से तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकार छीन लिए, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया, ठीक वैसे ही हालात अब बांग्लादेश में भी ऐसा हो सकता है।
'बांग्लादेश में अपनाएंगे तालिबानी मॉडल'
जमात-चार मोनाई के मुखिया मुफ्ती सैय्यद मुहम्मद फैजुल करीम ने एक इंटरव्यू में कहा है, 'अगर हम आम चुनावों में जीतते हैं, हमारी सरकार बनती है तो बांग्लादेश का इस्लामिक आंदोलन देश में शरिया कानून लागू करेगा। अफगानिस्तान में जो शासन व्यवस्था चल रही है, उसका ही अनुकरण किया जाएगा।'
'बांग्लादेश में लागू होगा शरिया कानून'
मुफ्ती सैय्यद मुहम्मद फैजुल करीम ने कहा, 'अगर हम सत्ता में आते हैं तो हिंदुओं को भी शरिया कानूनों के मौजूद प्रावधानों के हिसाब से ही अधिकार मिलेगा। हम शरिया कानून लागू करेंगे। अल्पसंख्यकों के भी अधिकारों की रक्षा की जाएगी।'
जमात के ऐलान पर भड़की बांग्लादेशी आवामी लीग
शेख हसीना की अध्यक्षता वाली आवामी लीग ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'मोहम्मद यूनुस के साए में कट्टरपंथ बढ़ता जा रहा है। बांग्लादेश संकट में है। जमात-चार मोनाई गठबंधन ने खुलेआम कसम ली है कि अफगानिस्तान की तरह तालिबानी नियम-कानूनों को बांग्लादेश में लागू करेंगे। महिलाओं को सार्वजनिक स्थलों पर जाने से रोक दिया जाएगा, बुर्का लागू किया जाएगा, अल्पसंख्यकों के अधिकार छीने जाएंगे, जिहादी ट्रेनिंग दी जाएगी।
मोहम्मद यूनुस पर भड़की आवामी लीग
बांग्लादेशी पत्रकार के साथ इंटरव्यू में मुफ्ती सैय्यद मुहम्मद फैजुल करीम ने खुलेआम यह ऐलान किया है। मोहम्मद यूनुस की चुप्पी बहुत कुछ कह रही है। इसे नजरअंदाज किया जा रहा है या जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है। मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, पूजा प्रतिबंधित की जा रही है, महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है।'