ईरान और इजरायल के बीच डोनाल्ड ट्रंप का सीजफायर 24 घंटे भी टिक नहीं सका। इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे पर युद्ध विराम उल्लंघन का आरोप लगाया है। इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बेहद नाराज हैं। अपने नाराजगी भरे शब्दों में ट्रंप ने कहा, दोनों देशों ने लंबे समय से इतनी कड़ी लड़ाई लड़ी। अब मुझे नहीं पता कि ईरान और इजरायल क्या कर रहे हैं।' अपने ट्रुथ सोशल मीडिया पर ट्रंप ने लिखा, इजरायल इन बमों को मत गिराना। अगर ऐसा किया तो यह बड़ा उल्लंघन माना जाएगा। अपने पायलटों को तुरंत वापस बुलाओ।'
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ही एक युद्धविराम लागू होने की बात कही। उन्होंने लिखा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलान किया, 'इजरायल ईरान पर कोई हमला नहीं करने जा रहा है। ईरान की तरफ दोस्ताना प्लेन वेव करने के बाद सभी विमान लौट आएंगे। किसी को कोई नुकसान हीं होगा। युद्धविराम लागू है। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद।' बता दें कि इजरायल ने ईरान पर युद्ध विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया था। इसके बाद इजरायल ने तेहरान पर हमले का आदेश दिया था।

एक अन्य पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा कि ईरान कभी अपनी परमाणु सुविधाओं का पुनर्निर्माण नहीं करेगा। पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, 'उन्होंने ( ईरान ) उल्लंघन किया। मगर इजरायल ने भी उल्लंघन किया है। समझौता करते ही इजरायल ने बमों की बौछार की। दोनों देश इतने लंबे समय से और इतनी कड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे पता ही नहीं है कि वे क्या कर रहे हैं। आगे ट्रंप ने दावा किया, 'ईरान कभी अपनी परमाणु सुविधाओं का दोबारा नहीं बना पाएगा। वहां (फोर्डो) से बिल्कुल नहीं। वह जगह चट्टान के नीचे है और ध्वस्त हो चुकी है। बी-2 पायलटों ने अपना काम किसी भी सोच से बेहतर तरीके से किया है।

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शासन परिवर्तन की बात से पलटे ट्रंप
कुछ दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान में शासन परिवर्तन के संकेत दिए थे। मगर अब वह अपनी बात से पलटते दिखे। उन्होंने कहा कि मैं ईरान में शासन परिवर्तन का विरोध करता हूं। नीदरलैंड में होने वाले नाटो सम्मेलन में जाने से पहले ट्रंप ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो अराजकता पैदा होगी। दो दिन पहले ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा था, अगर वर्तमान ईरानी शासन ईरान दोबारा से महान बनाने में असमर्थ है तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होगा?

नेतन्याहू बोले- हमले को रोकना संभव नहीं
संघर्ष विराम के बाद डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बातचीत हुई। ट्रंप ने कड़े शब्दों में इजरायल को ईरानी हमलों का जवाब नहीं देने की नसीहत दी। ट्रंप ने कहा कि इजरायल को कोई हमला नहीं करना चाहिए। जवाब में नेतन्याहू ने कहा कि हमले को रद्द करना संभव नहीं है और इजरायल को किसी न किसी तरह ईरान के उल्लंघन का जवाब देना होगा। एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच सीमित हमले पर सहमति बनी है और सिर्फ एक टारगेट पर अटैक किया है।
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इजरायल ने बताया- कब-कब हुआ हमला?
इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि सुबह 7 बजे युद्ध विराम तय हुआ। इससे कुछ समय पहले ईरान ने मिसाइलों की बौछार की। इसमें 4 नागरिकों की जान गई। सुबह 7:06 बजे ईरान ने एक और मिसाइल दागी। तीन घंटे बाद 10:25 बजे दो और मिसाइलों से हमला किया। ईरानी हमले के जवाब में इजरायली वायुसेना ने तेहरान के पास एक रडार सिस्टम को तबाह कर दिया है।