logo

ट्रेंडिंग:

गाजा युद्ध: पश्चिमी देशों में क्यों बढ़ रही इजरायल विरोधी लहर?

कभी इजरायल के कट्टर सहयोगी रहे पश्चिमी देशों में अब उसके खिलाफ आवाज उठने लगी है। पश्चिमी देशों के कदम से इजरायल और अमेरिका दोनों नाखुश हैं। आइये जानते हैं इसके पीछे की वजह।

Israel and European relations.

यूरोपीय देशों से क्यों बिगड़ रहे इजरायल के रिश्ते। (AI Generated Image)

7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद इजरायल ने जंग का ऐलान किया था। 667 दिनों से इजरायल और हमास के बीच गाजा में जंग जारी है। इजरायल की घेरेबंदी से गाजा में लाखों लोगों के सामने भूखमरी का संकट खड़ा हो गया है। गाजा से सामने आ रहीं भूखमरी की तस्वीरों ने इजरायल के सामने नई मुश्किल और पश्चिमी देशों के आगे नैतिकता का सवाल खड़ा कर दिया है।

 

गाजा में भारी तबाही के बाद अब पश्चिमी देशों ने इजरायल के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है, जबकि पहले इन्हीं पश्चिमी देशों ने इजरायल के सैन्य एक्शन के आगे चुप्पी साध रखी थी। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पश्चिमी देशों में इजरायल के दिन लदने लगे हैं? आज बात पश्चिमी देशों के उन कदमों की, जिन्हें इजरायल विरोध माना जा रहा है।

 

हाल ही में स्लोवेनिया ने इजरायल के सभी प्रकार के हथियारों के व्यापार पर बैन लगा दिया है। ऐसा करने वाला वह यूरोप का पहला देश बन गया है। गाजा युद्ध की वजह से स्लोवेनिया ने यह कदम उठाया है। दो हफ्ते पहले स्लोवेनिया ने इजरायल के दो मंत्रियों को अवांछित घोषित किया था। पिछले साल जून 2024 में स्लोवेनिया ने फिलिस्तीन को मान्यता भी दी थी। इसके अलावा गाजा में इजरायली बमबारी की निंदा भी की गई थी। 

 

यह भी पढ़ें: भारत-चीन ने मिलाया हाथ तो अमेरिका को कितना लगेगा झटका?

इजरायल के खिलाफ यूरोपीय देशों में बढ़ रही लामबंदी

अगर अन्य यूरोपीय देश की बात करें तो आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन पहले ही फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं। 22 महीने से इजरायल के युद्ध और नरसंहार के बीच कुछ और यूरोपीय देशों ने भी फलस्तीन को मान्यता देने के संकेत दिए हैं। हालांकि इजरायल ने यूरोपीय देशों के इस कदम की आलोचना की। उसने इन देशों की इस चाल को हमास को पुरस्कृत करने का तरीका बताया। इजरायल के अलावा डोनाल्ड ट्रंप ने भी पश्चिम देशों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर फिलिस्तीन को मान्यता दी गई तो यह हमास के लिए इनाम के रूप में काम करेगा।

सितंबर में फिलिस्तीन को मान्यता दे सकते कनाडा, फ्रांस और यूके

30 जुलाई को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ऐलान किया कि वह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में फिलिस्तीन को मान्यता देने की तैयारी में है। गाजा में खाद्य और मानवीय संकट के कारण वैश्विक स्तर पर बढ़ते आक्रोश के बीच कनाडा ने यह ऐलान किया। फ्रांस भी फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा कर चुका है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने इस संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री से बात भी की। यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी कहा कि अगर गाजा में युद्ध नहीं थमता है तो वह भी सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में फिलिस्तीन को मान्यता देगा।

युद्ध के बीच 10 देशों ने दी मान्यता

पिछले 22 महीने में दुनियाभर के 10 देशों ने इजरायल युद्ध के बीच फिलिस्तीन को मान्यता दी है। इन देशों में मैक्सिको, आर्मेनिया, स्लोवेनिया, आयरलैंड, नॉर्वे, स्पेन, बहामास, त्रिनिदाद और टोबैगो, जमैका और बारबाडोस शामिल है। फिलिस्तीन के प्रति वैश्विक स्तर पर बढ़ते समर्थन के कारण इजरायल पर दबाव बढ़ेगा। अंतराष्ट्रीय मंचों पर उसे अधिक जवाबदेह ठहराया जा सकेगा। मौजूदा समय में संयुक्त राष्ट्र में कुल 193 सदस्य हैं। इनमें से 147 ने फिलिस्तीन को एक देश के तौर पर मान्यता दे रखी है। 

 

यह भी पढ़ें: अपनी ही कब्र खोद रहे इजरायली बंधक, हमास ने जारी किया वीडियो

पश्चिमी देश अब इजरायल के खिलाफ क्यों?

मध्य पूर्व मामलों के पूर्व उप अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया अधिकारी जोनाथन पैनिकॉफ पश्चिमी देशों में इजरायल के प्रति बदलते नजरिये को दबाव के तौर पर देखते हैं। उनका कहना है कि फिलिस्तीन को मान्यता देने का उद्देश्य इजरायल पर दबाव बढ़ाना है। यूरोपी देश इजरायल को टू स्टेट व्यवस्था की तरफ मोड़ना चाहते हैं। जोनाथन पैनिकॉफ का मानना है कि कनाडा का मामला सिर्फ सांकेतिक होने की उम्मीद नहीं है। इस कदम से इजरायल और कनाडा के संबंधों के बिगड़ने का खतरा है।  

गाजा में अब तक कितनी तबाही?

गाजा में 22 महीने के युद्ध में अब तक 60 हजार से अधिक फिलिस्तानियों की जान जा चुकी है। इजरायल की नाकेबंदी से भूखमरी का खतरा बढ़ गया है। लगभग पूरा गाजा बमबारी से तबाह हो चुका है। दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों ने इजरायल पर गाजा में नरसंहार का न केवल आरोप लगाया बल्कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला भी दायर किया

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap