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33 महीने, भयावह जंग और UN नाकाम, रूस को रोकेगा कौन?

रूस यूक्रेन की जंग में अब इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल होने लगा है। यूक्रेन का कहना है कि यह मिसाइल रूस ने छोड़ दी है। क्या यह तीसरे विश्वयुद्ध की आहट है, आइए समझते हैं।

United Nations

संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्देश्य वैश्विक शांति और सुरक्षा है। (तस्वीर- United Nations)

रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) अब बेहद घातक दौर में पहुंच गया है। यूक्रेन का दावा है कि रूस ने इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। कीव की एयर फोर्स ने कहा रूस ने पहली बार इस जंग में इस मिसाइल का इस्तेमाल किया है। यूक्रेन हथियारों के मामले में पूरी तरह से यूरोपीय देशों पर निर्भर है। यह देश नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) का सदस्य तो नहीं है लेकिन इसे इन देशों का खूब समर्थन मिल रहा है। 

एयर फोर्स ने कहा है कि यह मिसाइल परमाणु शक्ति संपन्न थी और इसकी रेंज हजारों किलोमीटर की है। यूक्रेन की इस जंग में अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश खुलकर मदद कर रहे हैं। दोनों देशों ने रूस के खिलाफ अपने हथियारों को इस्तेमाल करने की इजाजत दी है। NATO के 32 सदस्य देश हैं, जिनका रुख रूस के खिलाफ है। अब ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इन देशों तक रूस और यूक्रेन की जंग का असर पहुंच सकता है। 

यूक्रेन ने अमेरिकी और ब्रिटिश हथियारों का इस्तेमाल इस जंग में किया है, इसके जवाब में रूस ने पलटवार किया है। रूस और यूक्रेन के बीच बीते 33 महीनों से जंग चल रही है, अब इस जंग में बैलिस्टिक मिसाइल दागे जा रहे हैं, जिनका असर भयावह हो सकता है। 

रूस ने हमला कब किया था?
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था। तब से लेकर अब तक जंग के 33 महीने हो चुके हैं लेकिन ये जंग थमी नहीं है। रूस ने इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) दागने पर अभी आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है।  

इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें होती क्या हैं?
इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें घातक युद्धों के लिए तैयार की जाती हैं। इन्हें परमाणु क्षमता से संपन्न बनाया जाता है, जिनकी वजह से युद्ध में विनाशकारी नतीजे सामने आ सकते हैं। रूस के परमाणु हथियारों में ये हथियार बेहद अहम है। रूस के पास करीब 5,580 वारहेड हैं। रूस, परमाणु हथियारों के मामले में दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है।

क्या है इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, जिनका इस्तेमाल कर बैठा रूस

कितना घातक था रूस का परमाणु हथियार?
यूक्रेन ने इस मिसाइल अटैक की बात मानी है लेकिन यह नहीं बताया है कि यह कितनी खतरनाक थी। यह भी यूक्रेन ने नहीं बताया है कि इसमें परमाणु हथियार लगाए गए थे या नहीं। यूक्रेन की वायुसेना का कहना है कि मध्य पूर्वी शहर डिनोप्रो पर मिसाइल दागी गई है। वायुसेना ने यह भी नहीं बताया है कि इस हमले से कोई क्षति पहुंची है या किसी को नुकसान पहुंचा है। 

Russia Ukraine War
रूसी सेना यूक्रेन पर लगातार हमले कर रही है। (इमेज सोर्स: रूसी रक्षा मंत्रालय)

डिनोप्रो के रीजनल गवर्नर सेरही लिसाक ने दावा किया है कि एक इमरात को नुसान पहुंचा है। हमले के बाद उस इमारत में आग लग गई। यह एक औद्योगिक प्रतिष्ठान था। कुछ लोग घायल भी हुए हैं। यूक्रेन की वायुसेना ने यह भी कहा है कि रूस ने किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल और 7 Kh-101 क्रूज मिसाइलें दागी हैं। यूक्रेन की एयर डिफेंस प्रणाली ने इनमें से 6 को हवा में ही ढेर कर दिया। रूस ने आस्त्राखान इलाके से एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी।

क्यों रूस ने किया है ये हमला?
रूसी मीडिया का दावा है कि कीव ने बुधवार को यूक्रेन की सीमा से लगे रूस के कुर्स्क इलाके में पहेल ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइलें दागीं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडे ने पद छोड़ने से 2 महीने पहले कुछ ऐसा कर गए हैं, जिसका नतीजा अब यूक्रेन के सहयोगी देश भी भुगत सकते हैं। 

यूक्रेन को अपने घातक हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत जो बाइडेन ने ही दी है। यूक्रेन ने मंगलवार को रूस में अमेरिकी ATACMS मिसाइलें दागी हैं। डोनाल्ड ट्रम्प इस बात के लिए जो बाइडेन की कई बार आलोचना कर चुके हैं। यूक्रेन का भी मानना है कि डोनाल्ड ट्रम्प, दोनों देशों पर दबाव दे सकते हैं, जिससे चल रही जंग खत्म हो।

रूसी सेना यूक्रेन में तबाही मचा रही है। (इमेज क्रेडिट- रूसी रक्षा मंत्रालय)

मास्को ने चेताया है कि रूसी पर हमला करने के घातक नतीजे होंगे। पश्चिमी हथियारों का इस्तेमाल अगर यूक्रेन करेगा तो रूस की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आएगी। कीव का कहना है कि रूस के हमलों से बचाव के लिए उसे घातक हथियारों के इस्तेमाल की जरूरत पड़ेगी। अमेरिका ने बुधवार को एहतियात के तौर पर कीव में अपना दूतावास बंद कर दिया है। अमेरिका को डर है कि रूस अब हमला कर सकता है। 

UN की नाकामी, खामियाजा भुगतेगा यूरोप, किस ओर आ गई ये जंग
वैश्विक नीतियों और युद्धों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ जितेंद्र भरद्वाज बताते हैं, 'संयुक्त राष्ट्र संघ की शिथिलता की वजह से यूक्रेन और रूस की जंग इस भयावह स्तर पर आ गई है। संयुक्त राष्ट्र संघ का काम विश्व में शांति स्थापित करना है, इसके लिए प्रयास करना है। 33 महीनों से यूक्रेन और रूस लड़ रहे हैं, महीनों से इजरायल और हमास की जंग चल रही है, इसे रोकने के प्रयास तक नहीं किए गए हैं।'

रूस और यूक्रेन दोनों की सेनाओं को बड़ी जनहानि हुई है।



जितेंद्र भरद्वाज बताते हैं, 'यह युद्ध अब दूसरी दिशा में बढ़ रहा है। इसकी जद में यूरोप के कई देश आने वाले हैं। नार्वे, फिनलैंड और स्वीडन जैसे देशों ने युद्ध की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्हें आशंका है कि हमला हो सकता है। व्लादिमीर पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि अगर किसी तीसरे देश ने हस्तक्षेप की कोशिश की तो विनाशकारी नतीजे होंगे। ब्रिटेन और अमेरिका दोनों ने हस्तक्षेप किया है। मदद के नाम पर यूरोप के कई देशों ने यूक्रेन को हथियार दिए हैं।'

यूक्रेन की सेना 33 महीने से जंग लड़ रही है। (तस्वीर- यूक्रेन रक्षा विभाग)

डोनाल्ड ट्रम्प रोकेंगे रूस यूक्रेन की जंग

तो क्या अब यूरोप को जंग से बचाने का कोई तरीका नहीं बचा है? इस सवाल के जवाब में जितेंद्र भरद्वाज कहते हैं, 'डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने चुनावी कैंपेन में कहा था कि वे महज 24 घंटे में यूक्रेन और रूस की जंग रोक देंगे। वे अपने बयान के प्रति कितने गंभीर हैं, उनका रुख ही बता सकेगा।' खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की मानते हैं कि अगर ट्रम्प सत्ता में आएं तो रूस यूक्रेन की जंग जल्द खत्म हो सकती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। (तस्वीर- फेसबुक)

संयुक्त राष्ट्र का काम क्या है?
संयुक्त राष्ट्र अपनी प्रस्तावना में कहा है कि इसका काम, वैश्विक शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है, मानवाधिकारों की रक्षा करना है, मानवीय सहायता मुहैया कराना है। स्थाई विकास और जलवायु की सुरक्षा करना भी इस वैश्विक संस्था का काम है। यह संस्था अपने उद्देश्यों में कितनी सफल है, यह आप वैश्विक घटनाक्रमों को देखकर खुद बता सकते हैं।

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