आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आम लोगों की जिंदगी आसान कर रहा है। लंबे कैलकुलेशन की बात हो या किसी जटिल डेटा को समझना हो, AI की मदद से मुश्किल से मुश्किल काम आसान हो रहे हैं। AI लोगों की नौकरियों के लिए भी चुनौती बनकर आ रहा है। ग्राफिक डिजाइनिंग से लेकर कंटेंट राइटिंग तक, AI हर क्षेत्र में लोगों के लिए चुनौतियां पेश कर रहा है, अब AI प्रबंधन के क्षेत्र में भी दखल दे सकता है। AI की मदद से मैनेजरियल पदों पर भी संकट पैदा हो रहा है।
दिग्गज टेक कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजन और इंटेल अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव लाने वाली हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से कई नौकरियों की हमेशा के लिए छुट्टी हो सकती है। AI पर बढ़ती निर्भरता की वजह से कंपनियां छंटनी भी कर रही हैं। अब ऐसे ही दावे प्रबंधन के पदों को लेकर भी किए जा रहे हैं।
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क्या मैनेजर की जरूरत खत्म कर देगा AI?
माइक्रोसॉफ्ट के AI कॉर्पोरेट प्लेटफॉर्म की वाइस प्रेसीडेंट आशा शर्मा ने इंटरनेशनल पॉडकास्टर लेनी रेचित्सकी के पॉडकास्ट में दावा किया है कि AI भविष्य में मैनेजरों की भूमिका को खत्म कर सकता है। उनका कहना है कि AI एजेंट्स काम बांट सकते हैं, लोगों को टास्क दे सकते हैं, उन पर नजर रख सकते हैं, सही शख्स तक मैसेज पहुंचा सकते हैं, जो काम बाकी हों, उनका वर्क चार्ट भी बना सकते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट की सीनियर लीडर आशा शर्मा ने दावा किया कि भविष्य में ऐसा हो सकता है कि लोग अपने AI एजेंट्स को दफ्तर ले जाएं, ठीक उसी तरह, जैसे लोग लैपटॉप या फोन को दफ्तर लेकर जाते हैं। इससे उनकी स्किल्स बढ़ेंगी और मीटिंग्स का तरीका भी बदलेगा। इंसानों से बेहतर तरीके से AI एजेंट्स, अपनी बात रख सकते हैं। अपने काम को लेकर AI मैनेजर, इंसानों से ज्यादा दक्ष साबित हो सकते हैं।
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क्या AI छीन रहा है लोगों की नौकरी?
माइक्रोसॉफ्ट ने मई 2025 में 6,000 कर्मचारियों की छंटनी की। कई वैकेंसियों पर लोगों की भर्ती ही नहीं निकाली। कंपनी ने मैनेजरों की भूमिका भी सीमित की है। ऐसा नहीं है कि माइक्रोसॉफ्ट ने ही ऐसा किया है। गूगल और अमेजन जैसी कंपनियों ने भी करीब 35 फीसदी नौकरियों को कम किया है।