ईरान दशकों से परमाणु बनाने की कोशिश कर रहा है। कहा जा रहा है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के बहुत करीब था क्योंकि उसने यूरेनियम हासिल कर लिया है। मगर, इसकी भनक लगते ही 13 जून को इजरायल ने ईरान के नतांज यूरेनियम संवर्धन संयंत्र समेत कई परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमला कर दिया। ईरान ने भी इजरायल के ऊपर जवाबी कार्रवाई में भारी नुकसान पहुंचाया है।
इसी बीच ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। दरअसल, ईरान तनाव के बीच में परमाणु अप्रसार संधि (Nuclear Non-Proliferation Treaty) से हटने के लिए कानूनी तैयारी कर रहा है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाघई ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा है कि देश की संसद परिस्थितियों (युद्ध) के जवाब में एक विधेयक का मसौदा तैयार कर रही है।
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NPT क्या है?
यह प्रस्तावित कदम ईरान की परमाणु गतिविधियों पर बढ़ती क्षेत्रीय अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय जांच के बीच उठाया गया है। बता दें कि भारत परमाणु संपन्न देश है लेकिन उसने NPT की शुरुआत से ही इससे दूरी बनाए रखी है। इसी को देखते हुए ईरान भी एनपीटी से संभावित रूप से बाहर निकल सकता है।
दरअसल, एनपीटी साल 1970 में स्थापित किया गया था, जिसपर 187 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। एनपीटी अपने सदस्य देशों को परमाणु हथियार बनाने से रोकता है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की देखरेख में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल की अनुमति देता है।
ईरान के कदम का क्या होगा असर?
ईरान अगर परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलता है, तो वह खुले तौर पर अपना परमाणु हथियार विकसित करने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा। ऐसा होता है तो यह इजरायल के लिए बड़ी चिंता का कारण बन सकता है। इसके अलावा एनपीटी से किसी प्रमुख देश का बाहर निकलना संधि का दुनिया में प्रभाव कमजोर कर सकता है। ऐसे में भविष्य में कोई और भी देश इससे बाहर निकल सकता है और वह परमाणु हथियार विकसित कर सकता है।
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अगर ईरान NPT से बाहर निकल जाता है तो इसके सदस्य देश सऊदी अरब, यूएई और मिस्र भी अपनी परमाणु बनाने की महत्वाकांक्षाओं की घोषणा कर सकते हैं। बता दें कि नॉर्थ कोरिया साल 2003 में NPT संधि से बाहर हो गया था। अब माना जाता है कि नॉर्थ कोरिया ने परमाणु हथियार विकसित कर लिए हैं। NPT से बाहर निकलने के बाद कोई भी देश IAEA की निगरानी से मना कर सकता है। IAEA की निगरानी खत्म होने से दुनिया ईरान की परमाणु गतिविधियों के बारे में नहीं जान पाएगी। ऐसी स्थिती में रूस और चीन जैसे देश ईरान का समर्थन कर सकते हैं।
क्या NPT से बाहर निकलने का ईरान पर होगा उल्टा असर?
बता दें कि NPT की संधि में कहा गया है कि कोई भी देश इससे तभी बाहर निकल सकता है जब उसे अपनी परमाणु सुरक्षा से जुड़ी किसी असामान्य गतिविधी का सामना करना पड़े। अगर ईरान इससे बाहर निकलता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ईरान के खिलाफ जांच शुरू कर सकते हैं। ईरान के साथ परमाणु सहयोग को रोकने के लिए रूस और चीन पर भी दबाव बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, अमेरिका, इजरायल और यूरोपीय देशों को ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान की धमकियों के बावजूद, सही मायनों में एनपीटी से बाहर निकलने की संभावना नहीं है।