इजरायल की सेना ने यमन के हूती विद्रोहियों पर बड़ा हमला किया है। राजधानी सना में स्थित एक सैन्य परिसर, दो बिजलीघर और एक ईंधन डिपो पर बमबारी की गई है। बताया जा रहा है कि इसी सैन्य परिसर में राष्ट्रपति भवन भी है। 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के बाद हूती विद्रोही भी इजरायल पर लगातार ड्रोन और मिसाइलों से हमला कर रहे हैं। इन्हीं हमलों के जवाब में इजरायल ने यह बड़ी सैन्य कार्रवाई की है।
आईडीएफ के मुताबिक सना में यमनी राष्ट्रपति का महल एक सैन्य स्थल के भीतर है। यहां से हूती आतंकवादियों के सैन्य अभियान चलाए जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायली वायुसेना के लगभग एक दर्जन विमानों ने ऑपरेशन में हिस्सा लिया और चार ठिकानों पर 30 से ज्यादा बम दागे। हूती मीडिया कार्यालय का कहना है कि एक संयंत्र और एक गैस स्टेशन को निशाना बनाया गया। राष्ट्रपति भवन के पास धमाके की भी खबर है। यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों का कब्जा है।
आईडीएफ ने बताया- यमन पर क्यों किया हमला?
आईडीएफ ने एक्स पर लिखा, 'यमन के सना में हूती आतंकवादी शासन के कई सैन्य ठिकानों पर हमला। इसमें एक सैन्य स्थल भी शामिल है, जहां राष्ट्रपति भवन है। अदार और हिजाज बिजली संयंत्र और ईंधन भंडारण को निशाना बनाया गया है। यह सभी हूती शासन की सैन्य गतिविधियों में इस्तेमाल होते थे। ये हमले मिसाइलों और मानवरहित विमानों से इजराइल पर हूतियों के बार-बार हमलों के जवाब में किए गए हैं।'
क्लस्टर बम से भड़का इजरायल
हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है। ईरान की सरकार समय-समय पर न केवल फंडिंग और बल्कि हथियार भी उपलब्ध कराती है। पिछले 22 महीने से हूती विद्रोही इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों से लगातार हमला कर रहे हैं। गाजा और फिलिस्तीनियों के प्रति समर्थन और एकजुटता दिखाने के उद्देश्य से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर पर व्यापारिक जहाजों पर भी हमला किया। इजरायल के एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि हूतियों ने शुक्रवार को इजरायल पर क्लस्टर बम से हमला करने कोशिश की। उन्होंने कहा कि क्लस्टर बमों को रोकना इजराइल के लिए मुश्किल है। माना जाता रहा है कि ईरान ने हूतियों को यह तकनीक दी है।