बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख, मुहम्मद यूनुस ने कहा कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की थी कि भारत में मौजूद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वहां से कोई राजनीतिक बयानबाजी न करने दी जाए लेकिन मोदी ने उनकी यह बात नहीं मानी। यूनुस ने लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि बांग्लादेश की सरकार अब भी कोशिश कर रही है कि शेख हसीना को भारत से वापस बुलाकर बांग्लादेश लाया जाए। वहां उन पर एक केस चल रहा है जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल प्रदर्शनकारियों पर पुलिस से सख्ती करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने उन्हें इस मामले में दोषी भी ठहरा दिया है।
एक इंटरएक्टिव सेशन के दौरान यूनुस ने यह बयान दिया जिसपर पर भारत सरकार की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पिछले साल अगस्त में, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को छात्र आंदोलनों के चलते अपनी सरकार गंवानी पड़ी थी। इसके बाद वह भारत आ गईं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दिसंबर में भारत से हसीना को वापस भेजने की गुजारिश की थी लेकिन भारत ने उस पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया। यूनुस ने यह भी बताया कि जब वह और प्रधानमंत्री मोदी अप्रैल में बैंकॉक में एक शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे, तो उन्होंने मोदी से यह कहा था कि हसीना को भारत में बैठकर राजनीति करने से रोका जाए।
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पूरा बांग्लादेश नाराज
यूनुस ने मोदी से कहा था, 'आप चाहे तो हसीना की मेजबानी करें, मैं आपको मना नहीं कर सकता लेकिन कम से कम यह ध्यान रखिए कि वह बांग्लादेश के लोगों के बारे में ऐसी बातें न करें जिससे उन्हें बुरा लगे।' यूनुस ने बताया कि 'हसीना जब भी कोई ऐलान करती हैं कि वह कुछ बोलेंगी, उस दिन पूरा बांग्लादेश नाराज हो जाता है।' जब मॉडरेटर ने पूछा कि 'क्या भारत ने वह किया जो आपने उनसे कहा था?'
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पीएम मोदी के जवाब से खुश नहीं यूनुस
यूनुस ने कहा, नहीं, मोदी ने कहा था कि यह सोशल मीडिया है, हम इसे कंट्रोल नहीं कर सकते।' यूनुस ने कहा कि 'ऐसी गंभीर स्थिति में सिर्फ इतना कह देना कि सोशल मीडिया है, काफी नहीं है। बात अभी भी वहीं की वहीं है।'
इसके बाद यूनुस ने बताया कि उनका प्रशासन हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल क्राइम ट्राइब्यूनल (अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण) के तहत कार्रवाई जारी रखेगा। उन्होंने कहा, 'अब केस शुरू हो गया है, ट्राइब्यूनल ने हसीना को उनके अपराधों के लिए नोटिस भेजा है। अब उन्हें इसका जवाब देना होगा। यह एक कानूनी प्रक्रिया है, इसमें इंटरपोल और बाकी कानूनी रास्तों से आगे बढ़ना होगा। हम सब कुछ नियमों और कानून के मुताबिक करना चाहते हैं।' आखिर में यूनुस ने यह भी कहा कि वह भारत से अच्छे रिश्ते बनाना चाहते थे लेकिन भारतीय मीडिया में जो झूठी खबरें फैलाई गईं, उसने सब बिगाड़ दिया।