मेंटल हेल्थ को लेकर तरह-तरह की बातें होती हैं। लोगों का कहना है कि अब इस मुद्दे पर पहले से ज्यादा बात होती है लेकिन चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इस साल के पहले 8 महीनों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए 4,966 कॉल्स आई हैं। यह साल 2023 के मुकाबले 806% ज्यादा है। ये आंकड़े दिखाते हैं कि चंडीगढ़ में मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से जूझने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। डेटा के मुताबिक, अपनी परेशानियों के चलते लोगों के मन में आत्महत्या के विचार भी आने लगे हैं।
यह हेल्पलाइन जब शुरू हुई थी उस समय 518 कॉल्स आई थीं। 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 4134 कॉल्स तक पहुंच गया था। इनमें से 70 कॉल करने वाले लोगों ने आत्महत्या करने की इच्छा जताई थी। यह इस बात को दिखाता है कि मानसिक स्वास्थ्य सहायता की तत्काल जरूरत है।
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चड़ीगढ़ में बढ़ रही है मेंटल हेल्थ की परेशानी
चड़ीगढ़ में ज्यादातर लोग अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। वहां पर लोगों के पास बड़े-बड़े घर हैं लेकिन उनमें कोई रहता नहीं है। ज्यादातर परिवारों के बच्चे कनाडा समेत अन्य देशों में बस गए हैं। इस वजह से घर में रहने वाले लोगों को अकेलापन महसूस होता है। यहां पर रहने वाले लोग ज्यादातर रिटायर होते हैं। इसके अलावा, यहां पर कुछ सेक्टर ऐसे हैं जहां पर मुख्यरूप से बिजनेसमैन, ब्यूरोक्रेट्स और डॉक्टर्स रहते हैं जिनकी नौकरी बहुत ज्यादा तनावपूर्ण होती है।
मेंटल हेल्थ से जूझ रहे हैं इस उम्र के लोग
डेटा में बताया कि 18 से 45 की उम्र के 31.6% लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, 15.8 % लोग एंग्जायटी और 15.6% लोग को अपने एग्जाम, काम और रिलेशनशिप का स्ट्रेस है। पिछले एक साल में महिलाओं से ज्यादा पुरुषों ने इस हेल्पलाइन सेवा का इस्तेमाल काम किया है।
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2023 में 58.18% पुरुष और 41. 36% महिलाओं ने कॉल किया था। 2024 में पुरुष कॉलर्स का प्रतिशत 64.7% बढ़ गया और महिलाओं का प्रतिशत घटकर 35.3% रह गया। 2025 में स्थिति सामान्य है। कॉल करने वाले 52% पुरुष और 47.8% महिलाएं हैं। इस हेल्पलाइन के अलावा जीएमसीएच-32 में मनोचिकित्सा ओपीडी सेवा भी चलती है।
क्या है टेली मानस?
टेली मानस (टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग अक्रॉस स्टेट्स) एक राष्ट्रीय पहल है जिसे भारत सरकार ने साल 2022 में 10 दिसंबर को शुरू किया था। इसका उद्देश्य लोगों को 24x7 मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध करवाना है। इसके लिए दो टोल फ्री नंबर दिए गए हैं 14416 और 1800-891-4416। जब कोई व्यक्ति इस नंबर पर कॉल करता है तो उसे नजदीकी केंद्र से जोड़ा जाता है। वहां काउंसलर उनकी बातें सुनते हैं और उन्हें सलाह देते हैं और जरूरत पड़ने पर फॉलोअप की व्यवस्था करते हैं। इसके अलावा तुरंत इलाज के लिए मनोचिकित्सक के पास भेजते है। हर कॉलर को यूनिक आईडी दी जाती है और उसका फोन नंबर गुप्त रखा जाता है। इसमें प्राइवेसी का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है।
Disclaimer: आत्महत्या किसी भी परेशानी का हल नहीं है। यदि आप या आपका कोई परिचित आत्महत्या के विचार या संकट का अनुभव कर रहा है, तो कृपया तुरंत आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन पर 1800-891-4416 पर संपर्क करें।