देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है जिसके बाद सरकार अलर्ट मोड पर है। दिल्ली के बाद नोएडा में कोरोना का पहला केस मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक, मरीज को फिलहाल घर में ही आइसोलेट किया गया है। इस बीच दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को एडवाइजरी जारी कर दी है। इस नोटिफिकेशन में लिखा गया है कि अस्पतालों को कोविड से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रखें। सभी अस्पतालों में वेंटिलेटर, बाइपैप मशीन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य जरूरी उपकरण मौजूद होने चाहिए।
दिल्ली में 22 अप्रैल तक 23 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पकंज सिंह ने कहा कि सरकार पता लगाने की कोशिश कर रही है कि संक्रमित लोग दिल्ली के ही रहने वाले हैं या अन्य जगह से यात्रा करके आए हैं। उन्होंने आगे कहा, 'सभी मरीज ठीक है। हमने सभी अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर, सुपरिटेंडेंट और प्रशासकों से मीटिंग की है और इस मामले में नजर बनाए हुए रखें है।
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भारत में एक्टिव कोरोना केस
पिछले कुछ दिनों में दिल्ली समेत अन्य राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, '22 अप्रैल तक कोरोना के भारत में 257 एक्टिव केस पाए गए हैं। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी का कहना है, 'ज्यादातर मामलों में लक्षण बहुत हल्के हैं और मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। साथ ही सभी अस्पतालों को सलाह दी गई है कि फ्लू और गंभीर सांस संबंधी संक्रमण पर ध्यान दें और सतर्क रहे'।
सिंगापुर और हांगकांग में सबसे पहले कोरोना के मामले सामने आए। सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है, 'कोरोना के मामले इसलिए बढ़े हैं क्योंकि अब लोगों की इम्युनिटी कमजोर हो गई है लेकिन अच्छी बात यह है कि जो नया वायरस है वह ना तो खतरनाक है और ना ही पहले से ज्यादा तेजी से फैलता है।
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क्यों बढ़ रहा है कोरोना
कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी का कारण ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब वैरिएंट जेएन 1 और उसके 2 उप वैरिएंट है। सिंगापुर की स्वास्थ्य एजेंसियों के मुताबिक, 'जेएन वैरिएंट के दो उप वैरिएंट LF.7 और NB.1.8 बहुत तेजी से फैल रहा है। यही वजह है कि कोरोना के केस फिर से बढ़ रहे हैं'। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 'कोरोना का नया वैरिएंट जेएन 1 है जिममें लगभग 30 म्यूटेशन पाए गए हैं। इनमें से LF.7 और NB.1. नाम के दो वैरिएंट है जो हाल के मामलों में देखे गए हैं'।