डिप्रेशन को अवसाद कहा जाता है। यह एक मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति दुखी, निराश और उदास महसूस करता है। यह एक आम समस्या है लेकिन बहुत से लोग इसे समझ नहीं पाते हैं और समय पर इलाज नहीं करवा पाते हैं। इसके होने का मुख्य कारण तनाव है। जब तनाव अधिक और अनियंत्रित हो जाता है हमारे मस्तिष्क में नकारात्मक ख्याल आते हैं। इसमें लगातार उदासी बनी रहती है और किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता है जिन चीजों को पहले आप करना पसंद करते थे।
डिप्रेशन मानसिक बीमारी जिसका आपके शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के डेटा के मुताबिक, भारत में से 20 में से हर एक व्यक्ति को डिप्रेशन है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की रिपोर्ट में बताया गया, 53% किशोर लड़कियां डिप्रेशन से जूझ रही हैं जबकि लड़कों का आकड़ा केवल 28% है।
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महिलाएं को डिप्रेशन होने का खतरा ज्यादा रहता है

डिप्रेशन के लक्षण
- हर समय दुखी महसूस करना
- किसी काम में मन ना लगना
- नींद ना आना
- भूख ना लगना
- थकावट और कमजोरी महसूस होना
- खुद को सबसे कम समझना
- आत्महत्या के विचार आना
हर व्यक्ति में डिप्रेशन के विभन्न लक्षण हो सकते हैं, अगर ये लक्षण दो हफ्तों से ज्यादा तक रहें तो डॉक्टर की सलाह लें।
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डिप्रेशन का मुख्य कारण क्या

अकेलापन- आज की इस भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग सबके साथ रहकर भी अकेलापन महसूस करते हैं। अकेलेपन की वजह से तनाव बढ़ता है और जिससे डिप्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है।
हार्मोनल बदलाव- हमारे दिमाग में न्यूरोट्रांसमिटर्स होते हैं जो खासतौर से सेरोटोनिन, डोपेमाइन और नोरपाइनफिरिन जैसे हार्मोन को रिलीज करता है। इन हार्मोन का बैलेंस बिगड़ने पर डिप्रेशन होने का बढ़ जाता है।
जीवन में आया बड़ा बदलाव- जीवन में कोई बड़ा बदलाव आने पर या किसी प्रिय परिजन को खो देने से डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
बचपन में मानसिक या शारीरिक शोषण- कई लोगों के साथ में बचपन में ऐसी कोई घटना घटी हो सकती है जिसकी वजह से वे सदमे में चले जाते हैं।
ओवर थिंकिंग- कई लोग एक ही चीज के बारे में ज्यादा सोचते हैं। इस ओवर थिंकिंग की वजह से तनाव महसूस होता है। हर छोटी छोटी बात पर अधिक टेंशन लेते हैं।
डिप्रेशन की वजह से शरीर पर पड़ता है प्रभाव
डिप्रेशन की वजह से व्यक्ति का वजन बढ़ता है और थायराइड की बीमारी हो सकती है। डिप्रेशन में भूखप्यास नहीं लगती है, रातों को नींद नहीं आने से पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है और कब्ज की समस्या हो सकती है। डिप्रेशन में व्यक्ति को नकारात्मक ख्याल आते हैं जिस वजह से सुसाइड करने का विचार आता है। तनाव की वजह से मांसपेशियों में भी दर्द रहता है। अक्सर आपको थकान महसूस होगी।
डिप्रेशन का इलाज

थेरेपी लें-डिप्रेशन का मरीज किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से बात कर सकता है। मनोचिकित्सक थेरेपी सेशन के दौरान आपके अंदर आ रहे हैं नेगेटिव सोच को बदलने का काम करता है। साथ ही डॉक्टर आपको एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां देते हैं।
लाइफस्टाइल में बदलाव करें- आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। तनाव को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन और ब्रीथिंग एक्सरसाइज करें। रोजाना 30 से 40 की एक्सरसाइज करें। आप वॉक पर जा सकते हैं। इसके अलावा हेल्दी डाइट फॉलो करें।
परिवार से कनेक्ट करें- अगर आपको अकेलापन महसूस होता है तो अपने परिवार से बात करें। उन्हें बताए कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं।
Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।