डॉग लवर्स अपने पेट्स से बेहद प्यार करते हैं। उनका ध्यान रखते हैं। बीमार पड़ने पर उन्हें वैक्सीन लगवाते हैं लेकिन आवारा कुत्तों का क्या? हम लोग आए दिन ऐसी खबरें सुनते हैं कि कुत्ते के काटने की वजह की मौत हो गई। कभी किसी आवारा कुत्ते ने बच्चे पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं कुत्तों को लेकर लोगों के बीच में झगड़ा भी हो जाता है। इसके अलावा जो लोग कुत्ता पालते हैं वे उसका मुंह बंद करके घूमाने नहीं ले जाते हैं। इस वजह से पालतू कुत्ते भी लोगों को पार्क या लिफ्ट में काट लेते हैं। पिछले कुछ समय में अवारा कुत्ते के काटने के मामले तेजी से बढ़े है जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और सिविल एजेंसियों को निर्देश दिया है कि आवारा कुत्तों को दिल्ली से हटाया जाए और आश्रय गृहों में भेजा जाए। इसके लिए कोर्ट ने 8 हफ्तों की समय सीमा दी है। आइए जानते हैं कुत्तों के काटने से कौन- कौन सी बीमारी होती है?
यह भी पढ़ें- वॉटर बर्थ डिलीवरी के दौरान शिशु की हुई मौत, क्या सुरक्षित है यह तकनीक?
रेबीज
रेबीज सबसे गंभीर और खतरनाक बीमारी है जो कुत्ते के काटने से फैलती है। हालांकि इसकी वेक्सीन है। इसके बावजूद इस बीमारी से बचने की जरूरत है। दुनियाभर में रेबीज से सबसे ज्यादा मौतें भारत में ही होती हैं। सयुंक्त राष्ट्र और WHO के मुताबिक दुनियाभर में 60 हजार मौतें रेबीज से हुई है। इनमें से 36 प्रतिशत मौतें सिर्फ भारत में हुई है। यह बीमारी रेबीज वायरस (Lyssavirus) से होती है। यह वायरस संक्रमित जानवर के लार में पाया जाता है। इस वायरस का असर दिमाग और इम्यून सिस्टम पर पड़ता है।
लक्षण- बुखार, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, काटे हुई जगह पर खुजली और दर्द, भ्रम या मानसिक असुंतलन, ज्यादा लारा आना, पैरालिसिस।
रेबीज का इलाज-
- कुत्ते के काटने के बाद रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं।
- जानवर के नोंचने और खरोचने पर टीका लगवाएं।
- जानवर के काटे जाने पर तुरंत साबुन से हाथ धोएं।
कुत्तों के लार, यूरिन और पॉटी में कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस पाए जाते हैं। जब कुत्ते अपना प्यार दिखाने के लिए आपके गालों को चाटते हैं तब भी सतर्क रहने की जरूरत है। भले ही वह अपना प्यार जता रहे हो लेकिन उनके लार में बैक्टीरिया मौजूद होता है जिसकी वजह से आपको गंभीर बीमारी हो सकती है। रेबीज के अलावा भी कुत्ते के काटने से कई खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
बैक्टीरियल इनफेक्शन
- सालमोनेला- यह एक बैक्टीरिया जो कुत्ते की पॉटी और लार में पाया जाता है। यह बैक्टीरिया फूड पॉइनजनिंग का कारण बन सकता है।
- लेप्टोस्पाइरोसिस - यह बैक्टीरिया कुत्ते के यूरिन में मिलता है। इस बैक्टीरिया के इंसानों में फैलने का खतरा बहुत कम होता है।
- स्टैफिलोकोकस- स्टैफिलोकोकस एक तरह का बैक्टीरिया है जो कुत्ते की स्किन में मौजूद होता है।
- सेप्सिस- अगर कुत्ते के काटने के बाद सही से इलाज नहीं करवाया तो बैक्टीरिया आपकी खून की धमनियों में फैल सकता है जिससे सेप्सिस हो जाता है। इलाज नहीं करवाने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।
फंगल इंफेक्शन
रिंगवर्म- यह त्वचा की बीमारी है जो फंगस की वजह से होती है। यह बीमारी जानवरों के बीच रहने से फैल सकती है। त्वचा पर लाल पपड़ीदार, खुजलीदार चक्कता बन जाता है। यह बीमार आमतौर पर 2 से 4 हफ्तों में ठीक हो जाती है।
यह भी पढ़ें- मोटापे की वजह से बढ़ रहा है कैंसर का खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा
कैसे सुरक्षित रहें?
- कुत्ते के काटने के तुरंत बाद वेट डॉक्टर के पास जाएं।
- स्किन में किसी भी तरह का इंफेक्शन दिखने पर डॉक्टर को दिखाएं।
- डॉग बाइट के आसपास जलन, बुखार और कमजोरी के लक्षण दिखें तो हल्के में ना लें।
- कुत्ते के काटने या खरोंचने पर तुरंत रेबीज का टीका लगवाएं।
- अगर आपको कुत्ते ने काट लिया है तो उस जगह को साबुन से धोएं और फिर डॉक्टर के पास जाएं
Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।