खराब खान पान और सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं। अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से किसी भी उम्र के व्यक्ति को हार्ट अटैक आ रहा है। कभी किसी को नाचते हुए तो किसी को दोस्तों के साथ बैठे हुए हार्ट अटैक आ रहा है। दुनियाभर में हृदय रोग की वजह से सबसे ज्यादा मौतें होती है। कई दशकों से अमेरिका में हार्ट अटैक के मामलों को कम करने की कोशिश की जा रही है। नई स्टडी के मुताबिक, पिछले 50 सालों में अमेरिका में 25 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में हृदय रोग से होने वाली मौतों में 66% की गिरावट आई है। इतना ही नहीं हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में लगभग 90% की कमी दर्ज हो गई है।
Journal Of The American Heart Association के मुताबिक, 1970 से 2022 के बीच 25 साल और उससे अधिक आयु के वयस्कों में दिल के दौरे से होने वाली मृत्यु दर में 90% की कमी आई है।
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हार्ट अटैक के मामलों में किन कारणों से आई कमी
- लाइफस्टाइल में बदलाव- धूम्रपान के खिलाफ जागरुकता अभियान, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने से दिल की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
- तेजी से बीमारी की पहचान- जल्दी पता लगने से सही समय पर इलाज मिलता है। सीपीआर के बारे में शिक्षित करना ताकि दिल का दौरा पड़ने पर जान बचाई जा सकें। इसके अलावा दिल की बीमारियों से बेहतर इलाज मिले। इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरुकता बढ़ाई गई।
स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन में रिसर्च की एसोसिएट डीन और इस स्टडी की प्रोफेसर Dr. Latha Palaniappan ने बताया, 'अब जब हम लोगों ने हार्ट अटैक के मामलों में सफलता पाई है तो दिल की दूसरी बीमारियां अब तेजी से बढ़ रही हैं'।
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एरिथमिया
1970 के बाद से एरिथमिया से होने वाली मौतों में 450 % की बढ़ोत्तरी हुई है। यह एक ऐसी स्थिति है जब दिल की धड़कन की गति असामान्य हो जाती है। इसमें दिल की कभी बहुत तेज कतो कभी बहुत धीरे धड़कता है। इस वजह से हार्ट बीट अनियंत्रित हो सकती है। आर्टियल फिब्रिलेशन इसका सबसे आम प्रकार है जिससे अमेरिका में लगभग 1.5 करोड़ लोग प्रभावित है। इस वजह से हार्ट स्ट्रोक और हार्ट फेलियर होने का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट फेलियर
1970 से हार्ट फेलियर के मामल में 146% की बढ़ोत्तरी हुई है। हार्ट फेलियर एक ऐसी स्थिति है जिसमें हार्ट शरीर की आवश्यकताओं के मुताबिक ब्लड पंप नहीं कर पाता है। ऐसा तब होता है जब मांस पेशियां कमजोर होती है या बहुत ज्यादा कठोर हो जाती है जिस वजह से शरीर के ठीक तरह से ब्लड पंप नहीं हो पाता है। इसके अलावा हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज, मोटापा, हाइपरटेंशन, टाइप 2 डिजीज के मामले भी तेजी से बढ़े हैं।