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भीषण गर्मी कैसे बन सकती है जानलेवा? एक्सपर्ट से समझिए

गर्मी के मौसम में सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी होती है। क्या आप जानते हैं अधिक गर्मी की वजह से आपकी जान जा सकती है।

heat stroke

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)

देश के विभिन्न राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। भीषण गर्मी की वजह से अक्सर लोगों की तबीयत खराब हो जाती है। इस मौसम में सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। खान पान से लेकर कपड़ों तक पर विशेष ध्यान देना होता है। इस मौसम में हीट एग्जॉशन होने का खतरा आम हो जाता है। गर्मी के मौसम में हीट एग्जॉशन, हीट क्रैम्प्स और हीट स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। हीट क्रैंप्स में मांस पेशियों में अधिक गर्मी की वजह से ऐंठन होती है। यह हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक से कम गंभीर होता है।

 

हीट एग्जॉशन एक बीमारी है जिसमें शरीर गर्म हो जाता है और ठंडा हो पाता है। ऐसा तब होता है जब बहुत ज्यादा पसीना आता है और शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। यह बीमारी तब होती है जब आप अत्यधिक गर्म और उमस वाली जगह पर काम कर रहे हो।

 

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हीट एग्जॉशन के लक्षण

  • जब शरीर का तापमान 100°F से ज्यादा हो
  • चक्कर आना
  • बेहोशी
  • धुंधला दिखना
  • कमजोरी और थकान
  • सिर दर्द
  • बहुत ज्यादा पसीना आना
  • दिल की धड़कन तेज होना
  • सांस लेने में दिक्कत होना

हीट स्ट्रोक

अगर समय पर हीट एग्जॉशन के लक्षण को ठीक नहीं कर पाए तो यह हीट स्ट्रोक में बदल जाता है। हीट स्ट्रोक एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है। 

 

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हीट स्ट्रोक के लक्षण

  • शरीर का तापमान 104 °F या उससे ज्यादा होना
  • भ्रम की स्थिति पैदा होना
  • अटक अटक कर बोलना
  • बेहोश हो जाना
  • पसीना ना आना

हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

जानें डॉक्टर ने क्या कहा

दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल अस्पताल के प्रोफेसर डॉक्टर आर के कौशिक ने बताया कि गर्मी के मौसम में हम में से ज्यादातर लोगों की हीट एग्जॉशन हो जाता है। इस दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है। हीट एग्जॉशन से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है। गर्मी में हर थोड़ी थोड़ी दे पर पानी पिएं। पानी के अलावा नारियल पानी, नींबू पानी का सेवन करें। इसके अलावा ओआरएस घोलकर पिएं। तली भूनी चीजों को खाने से बचना चाहिए। 

 

उन्होंने आगे कहा, 'बहुत ज्यादा टेंपरेचर में घर से बाहर ना निकलें। घर से बाहर जाते समय छाता लें। इसके अलावा गर्मियों के मौसम में कॉटन के कपड़े पहनें। ये कपड़े पहनने में हल्के होने के साथ पसीना भी सोखते हैं'।

 

डॉक्टर कौशिक ने बताया, 'हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक में एक बहुत बड़ा अंतर है। हीट स्ट्रोक में पल्स रेट बहुत तेज होगी और शरीर बहुत गर्म होगा। हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीज को कभी भी पानी नहीं पिलाना चाहिए। बेहोश होने पर मुंह पर पानी की छिटे मार सकते हैं। हीट स्ट्रोक के गंभीर मामलों में शरीर के अंग भी काम करना बंद कर देते हैं'।

 

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