मोटापे के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने कार्यक्रम मन की बात में कहा था ओबेसिटी से हर 8 में से एक व्यकित पीड़ित है। ओबेसिटी को कम करने के लिए हर व्यक्ति को अपने खाने में 10 प्रतिशत तेल की मात्रा कम करनी होगी। हाल ही में लैंसेट की ओबेसिटी पर रिपोर्ट सामने आई है जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक भारत में 21.8 करोड़ पुरुष और 23.1 करोड़ महिलाएं मोटापे से ग्रस्त होंगी, जिससे कुल संख्या 44.9 करोड़ पहुंच जाएगी। ये आंकड़ा देश की जनसंख्या का एक तिहाई होगा। विश्वभर में 2050 तक आधे से ज्यादा युवा और एक तिहाई बच्चे और टीनेजर अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हो जाएंगे।
ये भी पढ़ें- क्या रोजाना शंख बजाने की आदत सेहत के लिए है फायदेमंद? जानिए
भारत में युवाओं में मोटापे की बढ़ती चिताएं
भारत में किशोरों और युवाओं के बीच में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर पर युवा पुरुषों में अधिक वजन और मोटापे का दर 1994 में 0.4 करोड़ थी जो 2021 में बढ़कर 1.68 करोड़ हो गई। 2050 में ये आंकड़ा 2.27 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। वहीं, महिलाओं में ये संख्या 1990 में 0.33 करोड़ थी जो 2021 में बढ़कर 1. 3 करोड़ हो गई है और 2050 तक 1.69 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। 2021 में अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत सबसे आगे पहुंच गया है जो 1990 में भारत से आगे थे।
ये आंकड़े जरूरी क्यों है
2021 में दुनिया के आधे अधिक वजन और मोटापे वाले लोग केवल 8 देशों में है जिनमें भारत भी शामिल है। स्टडी के मुताबिक, 'लो और मिडिल इनकम वाले देशों में मोटापा, बचपन में कुपोषण और संक्रामक रोगों का खतरा तेजी से बढ़ा है जिसकी वजह से हेल्थ केयर पर बोझ पड़ता है। मोटापे की वजह से टाइप 2 डायबिटीज, हृदय संबंधी रोगों और कुछ तरह के कैंसर के कैंसर का खतरा बढ़ा है।
ये भी पढ़ें- सीजनल डिप्रेशन को डिप्रेशन समझने की गलती ना करें, जानें लक्षण और बचाव
मोटापे का कारण क्या है
मोटापा के महामारी बनने का मुख्य कारण प्रोसेस्ड फूड जिनमें चीनी, नमक और फैट की मात्रा ज्यादा है। मल्टीनेशनल फूड और बेवरेज कंपनियां अपने फास्ट फूड चेन को हाई से लो और मिडिल इनकम देशों में खोल रही है क्योंकि यहां पर पॉपुलेशन ज्यादा है। यहां के लोग इनके मार्केट के बढ़ने का मुख्य कारण है। साल 2009 से 2019 के बीच कैमरून, भारत और वेतनाम में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड और बेवरेज का पर कैपिटा इनकम बढ़ा है।
ओबेसिटी एंड मेटाबोलिक सर्जरी सोसाइटी ऑफ इंडिया की वैज्ञानिक समिति का नेतृत्व करने वाली डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर, बढ़ते शहरीकरण की वजह से हम शारीरिक गतिविधि कम करते हैं, लंबे समय तक डेस्क पर बैठकर काम करना है। इसके अलावा लोगों के खान पान की आदतों में भी बदलाव आा है। हाई कैलोरी फूड, प्रोसेस्ड फूड, ट्रांस फैट और चीनी से भरपूर चीजों का सेवन ज्यादा करते हैं जिसकी वजह से वजन बढ़ता है। तनाव, खराब नींद भी मोटापे के बढ़ने के कारण में से एक हैं।
मोटापे से कैसे बचें
शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं – प्रतिदिन कम से कम 30-45 मिनट की एक्सरसाइज करें।
संतुलित आहार लें – ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम फैट और हाई प्रोटीन वाली चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।
तनाव प्रबंधन करें – योग, ध्यान और पर्याप्त नींद से तनाव को कम करें।
खाने की आदतों में बदलाव करें – जंक फूड की बजाय हेल्दी और घर का बना खाना खाएं।