बच्चे के मुंह से सबसे पहला शब्द मां निकलता है। मां का प्रेम निस्वार्थ होता है। हम कितने भी बड़े हो जाए, मां के लिए हमेशा छोटे बच्चे ही रहते हैं। हम सभी अपनी मां से बहुत प्यार करते हैं। मां सिर्फ बच्चे को जन्म नहीं देती है। वह उसके पालन पोषण से लेकर समाज में उसे रहने के काबिल बनाती है। मां को बच्चे का पहला गुरू कहा जाता है।
क्या आप जानते हैं मई महीने का दूसरा रविवार माताओं को समर्पित होता है। इस दिन को दुनियाभर के बच्चे अपनी मां के साथ सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन मां को कुछ लोग तोहफा देते हैं। कुछ लोग उनके लिए कार्ड बनाकर उन्हें स्पेशल फील करवाते हैं। आइए जानते हैं कब इस दिन की शुरुआत हुई और क्यों मनाया जाता है।
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एना रीव्स ने अपनी मां को दी थी श्रद्धांजलि
मदर्स डे की शुरुआत अमेरिका में हुई थी। इस दिन की शुरुआत एना रीव्स जार्विस ने की थी। वह इस दिन के जरिए अपनी मां को श्रद्धांजलि देना चाहती थी। दरअसल उनकी मां एक्टिविस्ट थीं जिनका गृह युद्ध के दौरान निधन हो गया था। 1904 में उनकी पहली पुण्यतिथि पर वेस्ट वर्जिनिया में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ था। इस सभी में शामिल महिलाओं को व्हाइट कार्नेशन फूल दिए गए थे। ये फूल एनी की मां के पसंदीदा फूल थे।
अपनी मां के निधन के बाद एना ने मदर्स डे मनाए जाने के पैरवी की थी। उनकी कोशिश रंग लाई और 1914 में अमेरिका के 28वें राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने आधिकारिक रूप से दूसरे रविवार को मदर्स डे घोषित कर दिया।
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मां को समर्पित होता है दिन
मदर्स डे मनाने का कोई रूल नहीं है। आप इसे अपने हिसाब से किसी भी तरह से मना सकते हैं। पहले भारत में मदर्स डे मनाने का कल्चर नहीं था लेकिन अब इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है।