नीम की पत्तियां खाने में कड़वी होती हैं लेकिन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में भी नीम की पत्तियों के फायदों के बारे में बताया गया है। कई लोग खाली पेट नीम की पत्तियां चबाते हैं। खासतौर से डायबिटीज के मरीज नीम की पत्तियों का सेवन करते हैं।
नीम की पत्तियां खानी चाहिए या नहीं और इसके क्या फायदे है? इसके बारे में हमने जयपुर, न्यूट्रीप्लस की डायरेक्टर और सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक से बात की।
नीम में एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण होते हैं जो सूजन और इंफेक्शन के खतरे को कम करता है। नीम के पत्ते में फाइबर, विटामिन सी, बीटा कैरोटिन, फाइटोकेमिकल्स होते हैं। यह आपकी स्वास्थ्य के साथ- साथ त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है।- क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक , जयपुर
नीम में पाए जाते हैं औषधीय गुण
नीम के पत्तों में अनेक बायोएक्टिव कंपाउंड्स होते हैं जो इसके औषधीय गुणों के लिए जिम्मेदार होता है।
• Nimbin – एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल गुण
• Nimbidin – सूजन व संक्रमण रोधी
• Azadirachtin – कीटाणुनाशक
• Quercetin – एंटीऑक्सीडेंट और एलर्जी से रक्षा करने वाला
• Salannin – प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने वाला
• Gedunin – एंटीमलेरियल प्रभाव
नीम की पत्तियां स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद
• फाइबर और विटामिन सी – पाचन तंत्र और इम्युनिटी के लिए
• बीटा-कैरोटीन – आंखों और त्वचा के लिए
• कैल्शियम और आयरन – हड्डियों और खून की गुणवत्ता के लिए
• फाइटोकेमिकल्स – संक्रमण, सूजन, डिटॉक्स और खून को साफ करता है।
यह भी पढ़ें- अधिक नमी से बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा, मॉनसून में ऐसे रखें ख्याल
नीम के पत्ते खाने के फायदे
1. डिटॉक्सिफिकेशन - नीम के पत्तों में प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग तत्व होते हैं जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं। खासकर त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे मुंहासे, फोड़े-फुंसी, एक्जिमा आदि में उपयोगी माने जाते हैं।
2. ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है- कुछ शोधों से यह संकेत मिले हैं कि नीम के पत्ते ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में सहायक हो सकते हैं, इसलिए डायबिटीज रोगियों में इनका सीमित उपयोग फायदेमंद माना जाता है।
3. पाचन शक्ति बढ़ाए- नीम में मौजूद कड़वे तत्व लीवर को सक्रिय करते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। कब्ज, गैस और अपच की समस्याओं में नीम की चाय या पत्तों का रस उपयोगी हो सकता है।
4. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती दे - नीम के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हैं। मौसमी संक्रमण, बुखार और वायरल से बचाव में इसका उपयोग किया जाता है।
5. मौसमी बीमारियों से सुरक्षा- गर्मियों में नीम के पत्तों को उबालकर पानी पीने से शरीर में ठंडक बनी रहती है और चिकनगुनिया, डेंगू जैसे मच्छर जनित रोगों से भी कुछ हद तक सुरक्षा मिलती है।
नीम के पत्तों का सेवन कब और कितना करें?
• सुबह खाली पेट 4–5 कोमल नीम की पत्तियां चबाना या इनका रस (10–15 ml) लेना पर्याप्त होता है।
• 15 दिन से ज़्यादा लगातार सेवन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।
• गर्भवती महिलाएं, बहुत कमजोर पाचन वाले लोग, लो ब्लड प्रेशर वाले या बुखार में इसका सेवन न करें।
अत्यधिक सेवन के नुकसान
• अत्यधिक मात्रा में सेवन से सिरदर्द, उल्टी, पेट दर्द, लीवर में असर, या कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
• नीम की पत्तियों का कड़वापन कुछ लोगों में एलर्जी या गैस्ट्रिक इरिटेशन पैदा कर सकता है।
• बच्चों के लिए नीम का सेवन सीमित और डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाना चाहिए।
नीम का उपयोग करने के सुरक्षित तरीके
• नीम का पत्ता सूखा कर पाउडर बनाकर सीमित मात्रा में उपयोग करें।
• नीम की चाय – 2-3 पत्तों को गर्म पानी में उबालकर छानकर पीना एक हल्का और सुरक्षित तरीका है।
• नीम जल – 10 पत्ते एक लीटर पानी में उबालकर ठंडा करके स्नान करें या त्वचा की सफाई में प्रयोग करें।
• नीम के पत्ते एक हेल्दी टॉनिक की तरह सीमित मात्रा में उपयोग के लिए फायदेमंद होता है।