कोलोरेक्टल कैंसर में (कोलोन और रैक्टल कैंसर ) दो तरह के कैंसर आते हैं। अमेरिका में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे आम कारण है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, इस साल अमेरिका में 1,50,000 से ज्यादा लोगों में यह कैंसर पाया जा सकता है जिसमें से 53,000 लोगों की मौत हो सकती है। हाल ही में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (ASCO) की कॉन्फ्रेंस हुई थी। इस कॉन्फ्रेंस में कुछ नए अध्ययनों को पेश किया गया है। स्टडी में बताया गया कि दवाइयों के साथ-साथ खान पान और एक्सरसाइज की मदद से इस कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी का कहना है कि कोलोरेक्टल कैंसर के मामलों में पिछले कई दशकों से कमी आ रही है जिसका मुख्य कारण बेहतर स्क्रीनिंग है। हालांकि रिसर्च में बताया गया कि 2030 तक कोलोरेक्टल कैंसर के मामले 20 से 49 साल के लोगों में तेजी से बढ़े हैं।
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एक्सरसाइज से कम हो सकता हैं कोलोन कैंसर का खतरा
New England Journal of Medicine में नई स्टडी पब्लिश हुई है जिसमें बताया गया कि रोजाना एक्सरसाइज करने से कोलोरेक्टल कैंसर से पीड़ित मरीजों का मृत्यु दर कम हो सकता है। अध्ययन में क्लिनिकल डेटा के साथ इस बात की पुष्टि की गई है। 2009 से 2024 के बीच में लगभग 900 कोलोन कैंसर के मरीजों का अध्ययन किया गया जिनकी कीमोथेरीपी पूरी हो गई थी। इनमें से आधे मरीजों को अच्छा खान पान और एक्सरसाइज के बारे में बुकलेट के जरिए जानकारी दी गई। जबकि आधे लोगों को 3 साल तक फिजिकल फिटनेस ट्रेनर के साथ जोड़ा गया जो उन्हें जरूरी एक्सरसाइज कराने में मदद करता था।
स्टडी में पाया गया कि एक्सरसाइज में शामिल होने वाले मरीजों में कैंसर के वापस आने या नए कैंसर के होने का खतरा 28% तक कम हो गया। स्टडी में कहा गया कि अगर 16 मरीज रोजाना एक्सरसाइज करते हैं तो उनमें सें एक मरीज को दोबारा या नया कैंसर नहीं होगा।
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एंटी इंफ्लेमेटरी डाइट
ASCO कॉन्फ्रेंस की एक अन्य स्टडी में बताया गया कि अगर डाइट में एंटी इंफ्लेमेटरी चीजों को शामिल किया जाएं तो स्टेज 3 कोलोन कैंसर से जूझ रहे मरीजों का सर्वाइवल रेट बढ़ जाता है। स्टडी के मुताबिक जो मरीज ऐसी डाइट लेते हैं जिसमें कॉफी, चाय, हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ रोजाना एक्सरसाइज करते हैं उनमें मृत्यु दर का जोखिम 63% तक कम होता है। वहीं, अगर कोलोन कैंसर के मरीज रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, शुगर वाली ड्रिंक्स का सेवन करते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते हैं। उन लोगों में मृत्यु दर बढ़ जाता है।