दुनियाभर में हर साल कैंसर से लाखों लोगों की मौत होती है। कई प्रकार के कैंसर है जिससे लोग जूझ रहे हैं। कुछ लोगों में कैंसर का मुख्य कारण जेनेटिक होता है। कुछ लोगों में कैंसर का कारण खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। हाल ही में कुछ स्टडी में यह दावा किया गया है कि मोटापे की वजह से भी कैंसर हो सकता है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक मोटापे से जुड़े कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं।
जुलाई में सैन फ्रांसिस्को में आयोजित एंडोक्राइन सोसाइटी की वार्षिक बैठक में बताया गया कि पिछले 20 सालों में मोटापे से जुड़े कैंसर से होने वाली मौतें 3 गुना ज्यादा बढ़ गई है। इसमें कोलोन कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय, पित्ताशय, लिवर, ओवेरियन और थायरॉयड कैंसर शामिल है। धूम्रपान के बाद कैंसर का दूसरा सबसे बड़ा कारण मोटापा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमने इस कम आंक कर गलती कर दी। 1960 में मोटापे की वजह से 13% लोग कैंसर से पीड़ित थे जो आज 40% से अधिक हो गया है।
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महिलाओं में बढ़े कैंसर के मामले
अप्रैल में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक 2003 से 2021 के बीच में महिलाओं में हर साल कैंसर के मामले बढ़े हैं। हालांकि पुरुषों में कैंसर के मामले स्थिर है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक आज के समय में 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में कैंसर के मामले पुरुषों की तुलना में 82% से ज्यादा है।

महिलाओं में मोटापे का दर पुरुषों से ज्यादा होता है। कोलोराडो के ओबेसिटी विशेषज्ञ डॉ. ईथन लाजरस ने बताया, 'रिसर्च में कई बार यह बात साबित हो चुका है कि मोटापे की वजह से कैंसर के होने और दोबारा लौटने का खतरा ज्यादा रहता है। खासतौर से स्तन और कोलोन कैंसर मोटापे की वजह से महिलाओं में आम होता है'।
जब चर्बी आपको बीमार बना देती है
यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा हेल्थ के डायबिटीज एंड मेटाबॉलिक रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर ने कहा, 'यह तो कोई नहीं जानता कि मोटापा कैंसर का कारण क्यों बनता है लेकिन रिसर्च टीम का मानना है कि इसमें फैट सेल्स मुख्य भूमिका निभाते हैं। जब फैट सेल्स आपकी सेहत को नुकसान पहुंचान शुरू कर देते हैं तब उन्हें adiposopathy कहते हैं। यह एक कारण हो सकता है कि फैट सेल्स कैंसर को बढ़ावा देते हैं। मोटापे से जुड़ा कैंसर शरीर के उन हिस्सों में होता है जहां फैट सबसे ज्यादा जमा होता है। उदहारण के लिए पेट, स्तन आदि। Frontiers in Endocrinology की स्टडी में बताया गया कि फैट टिशू हार्मोनली एक्टिव होता है। खासकर मेनापॉज के बाद ऐस्ट्रोजन हार्मोन की वजह से एंड्रोमेट्रियल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। मेनापॉज के बाद होने वाला स्तैन केंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा मोटापे की वजह से होता है।

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सूजन की वजह से होता है कैंसर
सूजन को भी कैंसर का कारण माना जाता है। जब शरीर मे फैट के सेल्स बढ़ते हैं तो एक तरह से इम्यून रिस्पॉन्स सिस्टम एक्टिव हो जाता है। इस प्रोसेस के एक्टिव होने के पीछे कई कारण है। एक तरीका है कि इम्यून सेल्स फैट टिशूज में घुस जाएं क्योंकि वह मर चुकी कोशिकाओं को साफ कर रही होती है। इससे इम्यून सिस्टम स्लो हो जाता है और शरीर में लगातार सूजन की समस्या होती है जो डीएनए को नुकसान और सेल म्यूटेशन का काम करता है। लगातार सूजन की वजह से इंसुलिन के कामकाज में गड़बड़ी पैदा हो सकती है जिससे कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है। मोटापे से पीड़ित लोग अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस होते हैं। इसका मतलब है कि कोशिकाएं सही तरीके से इंसुलिन को प्रतिक्रिया नहीं दे पाती है।