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सिगरेट और वेपिंग: कौन सी सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदेह? डॉक्टर से जानिए

हम सभी जानते हैं धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक होता है। स्मोकिंग को छोड़ने के लिए कई लोग ई सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं। आइए जानते हैं दोनों में से कौन सा हानिकारक है।

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स्मोकिंग और ई सिगरेट (Photo Credit: Freepik)

युवाओं के बीच में स्मोकिंग का क्रेज काफी तेजी से बढ़ा है। युवाओं के बीच में स्मोकिंग को कूल माना जाता है लेकिन यह सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। सिगरेट से निकलने लाला धुआं फेफड़ों और दिल के लिए खतरनाक है। इसकी वजह से आपको कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। कुछ लोग स्मोकिंग के लिए अब ई सिगरेट को विकल्प के रूप में चुन रहे हैं। इसे वेपिंग भी कहते हैं। ई सिगरेट को नॉर्मल सिगरेट से कम हानिकारक माना जाता है। इस बारे में हमने दिल्ली के अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर निखिल से बात की।

 

सिगरेट में निकोटीन समेत कई हानिकारक रसायन मौजूद होते हैं जो सेहत के लिए खतरनाक है। निकोटीन एक खतरनाक केमिकल है जो तम्बाकू के पौधे में मिलता है। सभी तम्बाकू वाली चीजों में निकोटीन पाया जाता है जिसमें सिगरेट, सिगार, धुआं रहित तम्बाकू, हुक्का और ई सिगरेट शामिल हैं। सिगरेट में निकोटीन के साथ तार होता है। यही तार लंग्स में जम जाता है जिसके कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। कई लोग सिगरेट की लत को छोड़ने के लिए ई सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं।

 

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टीएजर्स के बीच में काफी पॉपुलर ई सिगरेट

 

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक बहुत से लोग ऐसा सोचते हैं कि वेपिंग धूम्रपान से कम खतरनाक होता है। यह सच भी है। हालांकि इसमें भी निकोटीन मौजूद होता है जो सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। टीनएजर्स के बीच में वेपिंग बहुत पॉपुलर है।

 

सभी ई सिगरेट में निकोटीन होता है जो टीनएजर्स के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। इसके अलावा जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज्यादा ई सिगरेट का सेवन करती हैं। इससे उनके बच्चे के मानसिक विकास पर भी प्रभाव पड़ता है। वेपिंग के केमिकल को सूंघने से फेफड़ों में सूजन हो सकती है जिससे ब्रोंकाइटिस, अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती है। यह सिर्फ आपके फेफड़ों को ही नहीं दिल को भी नुकसान भी पहुंचता है। वेपिंग की वजह से ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है जिस कारण हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।

 

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कैसे काम करता है ई सिगरेट

 

ई सिगरेट में लिक्विड निकोटिन, ग्लिसरीन और फ्लेवर हुक्का भरा हुआ होता है। इसमें एक बैटरी लग होती है जिसकी मदद से लिक्विड गर्म होकर भाप या घुआं बनता है और यही फ्लेवर्ड धुआं बाहर आता है। आपको बता दें कि साल 2019 में ई सिगरेट पर भारत में बैन लगा दिया गया था इसके बावजूद यह आपको मार्केट में आसानी से मिल जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में साल 2022 से 2023 के बीच में 2.1 मिलियन लोगों ने ई सिगरेट का इस्तेमाल किया था।

 

किस वजह से लोग करते हैं धूम्रपान

  • अधिक तनाव को कम करने के लिए लोग धूम्रपान करते हैं।
  • अकेलापन
  • जरूरत से ज्यादा वर्कलोड
  • इमोशनल स्ट्रेस
  • अधिक स्मोकिंग करने से सेहत पर पड़ता है प्रभाव

अधिक स्मोकिंग करने से फेफड़ों और हृदय के अलावा त्वचा की रंगत खराब होती है। आप समय से पहले बूढ़े दिखने लगते हैं। इस वजह से बाल सेफद और बाल झड़ने की समस्या होती है। अधिक धूम्रपान करने से वजन भी तेजी से घटता है और मांस पेशियां कमजोर होती है।

 

अपोलो अस्पताल के डॉक्टर निखिल ने बताया, 'ई सिरगेट कम नुकसानदायक होती है क्योंकि उसमें कार्सिनोजनिक एजेंट नहीं होता है। कागज वाले सिगरेट में निकोटीन के साथ तार होता है जो धीरे धीरे आपके फफड़ों में जम जाता है'। डॉक्टर निखिल ने आगे बताया, 'स्मोकिंग की लत को कम करने के लिए आपको अपने ट्रिगर प्वाइंट पर काम करना होता है। उदाहरण के लिए आपको सिगरेट पीने की तलब लगे तो आप खुद को रिलेक्स करने की कोशिश करें। अधिक स्ट्रेस लेने से बचना चाहिए। इसके अलावा हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें। अगर आप सिगरेट की लत को तमाम कोशिशकों के बावजूद छोड़ नहीं पा रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह लें'।

 

 

 

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