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जिसकी 'मोटी कमर' उसे हो सकती है डायबिटीज! नई स्टडी में खुलासा

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिस पर आए दिन कुछ ना कुछ अध्ययन होता रहता है। हाल ही में एक अध्ययन हुआ है जिसमें कमर के साइज और डायबिटीज के बीच में संबंध बताया गया है।

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)

डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है। इसे लाइफस्टाइल बीमारी में गिना जाता है। इस बीमारी को लेकर तरह-तरह के अध्ययन होते हैं। हाल ही में एक अध्ययन हुआ जिसमें कहा गया कि आपकी कमर का साइज आपको डायबिटीज से बचाने का काम कर सकता है। हाल ही में एक स्टडी हुई है जिसमें ये खुलासा हुआ है कि कैसे आपके कमर का साइज मृत्यु दर के बारे में बताता है।

 

Northern Jiangsu People’s Hospital में एक अध्ययन हुआ जिसमें अमेरिकन लोगों ने हिस्सा लिया। इस स्टडी में बताया गया कि कमर का साइज और मृत्यु दर में डायबिटीज की वजह से गहरा संबंध है। ये संबंध महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग देखने को मिला है। ये अध्ययन एक्सप्लोरेटरी रिसर्च एंड हाइपोथिसस इन मेडिसिन में पब्लिश हुई है।

 

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क्या कमर के साइज से पता लगा सकते हैं डायबिटीज का खतरा

 

ये रिसर्च 3, 151 महिलाओं और 3, 473 पुरुषों पर हुई जो डायबिटीज से पीड़ित थे। प्रतिभागियों के सर्वाइवल रेट को समझने के लिए 2003 से 2018 तक ट्रैक किया गया। स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अध्ययन से परिणाम निकला गया कि जिन महिलाओं की कमर का साइज 107 सेंटीमीटर था उनका मृत्यु दर सबसे कम था। वहीं, पुरुषों में स्वीट स्पॉट 89 सेंटीमीटर था जो हेल्थ स्टैंडर्ड के करीब था।

 

वैज्ञानिकों ने हमेशा से कहा कि आंतों में जमा फैट सेहत के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है खासतौर पर जिन लोगों को डायबिटीज है। अध्ययन में कहा गया कि कम और बहुत अधिक पेट की चर्बी पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए मुसीबत बन सकती है।

 

पुरुषों और महिलों में मृत्यु दर है अलग-अलग

 

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कमर के साइज और मृत्यु दर के बीच में संबंध पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग देखने को मिला है। महिलाओं के लिए कमर का साइज अगर 107 सेंटीमीटर से कम या ज्यादा, दोनों ही मामलों में खतरनाक हो सकता है। वहीं, पुरुषों में कमर का साइज 89 सेंटीमीटर से ज्यादा हुआ तो डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।

 

शोधकर्ताओं ने स्थिति को समझाने के लिए 'ओबेसिटी पैराडॉक्स' मॉडल का इस्तेमाल किया। ओबेसिटी पैराडॉक्स, मेडिकल साइंस का सामान्य शब्द। ये उस स्थिति को बताता है जिसमें आदमी का वजन तय मानकों से अधिक होता है। इस तरह के व्यक्तियों में पुरानी बीमारियों की वजह से मृत्यु दर कम हो सकता है। ये अपने आप में पहली स्टडी है जिसमें डायबिटीक लोगों के कमर के साइज और मृत्यु दर के बीच में संबंध बताया गया है।

 

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। खबरगांव इसकी पुष्टि नहीं करता है। विस्तृत जानकारी के लिए पोषक विशेषज्ञ से मिलें। 

 
 

 

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