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PCOS की समस्या से हैं परेशान? इन योगासनों से बैलेंस करें हार्मोन

योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है। यह हार्मोनल को संतुलित करने में मदद करता है। अगर आप पीसीओएस या थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं तो इन योगासनों को कर सकते हैं।

yoga pose for hormonal balance

योग (Photo Credit: Freepik)

खराब खानपान, एक्सरसाइज न करना, रात में देर तक जगने की वजह से महिलाओं में हार्मोनल इम्बैलेंस की समस्या आम हो गई है। हार्मोन इंम्बलैंस की वजह से पीसीओडी (PCOD), पीसीओएस (PCOS) और थायराइड का खतरा बढ़ जाता है। हार्मोन का संतुलन बनाएं रखने के लिए खान पान के साथ योग और एक्सरसाइज करना जरूरी है।

 

खासतौर से योग उन महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है जो पीसीओएस या हार्मोनल इम्बैलेंस की किसी अन्य समस्या से जूझ रही हैं। कुछ योगासनों को करने से हार्मोन का संतुलित किया जा सकता है। आइए इन आसनों के बारे में जानते हैं।

 

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थायराइड को कैसे बैलेंस करें

हार्मोन इम्बैलेंस की वजह से थायराइड की बीमारी हो सकती है। थायराइड हार्मोन को बैलेंस करने करने के लिए शोल्डर स्टैंड और ब्रिज पोज करना चाहिए। इन दोनों आसानों को करने से थाराइड हार्मोन संतुलित रहता है।

 

शोल्डर स्टैंड पोज ( सर्वांगासन ) भी कहा जाता है। इस आसन में पूरा शरीर कंधों पर संतुलित होता है।

 

 

PCOS 

जो भी महिलाएं पीसीओएस की समस्या से जूझ रही हैं उन्हें रोजाना भारद्वाजासन, पश्चिमोत्तासन और कपोतासन करना चाहिए।
 
कैसे करें भारद्वाजासन

 

भारद्वाजासन को ट्विस्टिंग आसन कहा जाता है। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है। पाचन क्रिया बेहतर होती और पीरियड्स में राहत मिलती है।

 

 

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पश्चिमोत्तासन

योगा मैट पर दोनों पैर सामने फैलाकर बैठ जाएं।
रीढ़ को सीधे रखें और हथेलियों को जांघों पर रखें।
अब सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं।
धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और हाथों से अपने पैरों या पंजों को पकड़ने की कोशिश करें।
माथा घुटने पर लगाएं जितना हो सके।
इस अवस्था में कुछ देर के लिए रहे और अपनी सांसों को सामान्य रखें। 
फिर धीरे धीरे वापस उठ जाएं।

कपोतासन

कपोतासन एक अहम योगासन है जिसे अंग्रेजी में पीजन पोज कहा जाता है। इस आसन को करने से हार्मोन संतुलित रहते। इसके अलावा हार्मोन को बैलेंस करने के लिए ब्रीथिंग एक्सरसाइज जरूरी करनी जरूरी है। ब्रीथिंग एक्सरसाइज करने से सिर्फ दिमाग ही शांत नहीं रहता है बल्कि हार्मोन का भी संतुलन बना रहता है।

 

Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। किसी भी आसन को करने से पहले अपनी डॉक्टर की सलाह लें।

 

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