कैंसर एक घातक बीमारी है जिससे हर साल लाखों लोगों की मृत्यु होती है। खासतौर से पिछले कुछ सालों में कोलोन कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। यह एक तरह का कैंसर है तो बड़ी आंत में होता है और धीरे-धीरे छोटी आंत तक फैलता है। दुनियाभर में इस कैंसर से दूसरी सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। कोलोन कैंसर के अलावा लिवर कैंसर भी विश्वभर में चिंता का कारण बना हुआ है। खासतौर से नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) और मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-असोसिएटेड स्टिएटोटिक लिवर डिजीज (MASLD) के मामले तेजी से बढ़े हैं।
अब कोलोन कैंसर, लिवर और अन्य कैंसर को मिलाकर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर कहा जाता है। यह पाचन संबंधी कैंसर होता है जो बेहद घातक होता है। इसके अंदर पेट, लिवर, पैंक्रियाज, छोटी आंत, बड़ी आंत, रेक्टम, पित्ताश्य और बाइल डक्ट्स का अंग शामिल होता है। हाल ही में Nutrition Research जर्नल में छपी अध्ययन में बताया गया कि जिन लोगों ने सेफद गूदेदार फल और सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में किया है उनमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर होने का खतरा 36% तक कम पाया गया है।
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इन चीजों को खाने से कम होता है GI कैंसर का खतरा
इस स्टडी में 11000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया है जो 2007 से 2021 के बीच में नेशनल कैंसर सेंटर गए थे। इनमें से 214 लोगों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर था। स्टडी में शामिल लोगों के खानपान की जानकारी फूड फ्रीक्वेंसी प्रशनवली से ली गई जिसमें उनके खाने की नियमित आदतों का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था।
स्टडी में फलों और रंगों को उनके बाहरी नहीं बल्कि अंदरुनी रंग के हिसाब से अलग किया गया था जैसे सेब, केला और नाशपाती- सफेद गूदेदार फल। टमाटर, स्ट्रॉबेरी- लाल और बैंगनी गूदेदार। सफेद गूदे वाला फल और सब्जियों खाने वाले में जीआई कैंसर का खतरा 36% तक कम देखा गया।
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सेफद गूदेदार वाला फल- सब्जी खाएं
अपनी डाइट में सेब, केला, नाशपाती, फूल गोभी और अन्य सफेद गूदे वाली फल और सब्जियों को शामिल करें। इन फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर की भरपूर मात्रा होती हैं जो शरीर से हानिकारक फ्री रेडिकल्स को कम करने का काम करता है। साथ ही पाचन को बढ़ाता है और सूजन को कम करने का काम करता है।