इस भागदौड़ वाली जिंदगी में हम शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तमाम तरह के उपाय अपनाते हैं। कुछ लोग फिजकल ट्रेनिंग के लिए जिम जाते हैं। कुछ लोग योग और मेडिटेशन का साहारा लेते हैं। शरीर को फिट रखने के लिए दोनों ही चीजें फायदेमंद है। कई लोगों को योग और मेडिटेशन एक ही लगता है लेकिन यह सच नहीं है। दोनों में बहुत अंतर है। आइए दोनों के बीच का अंतर समझते हैं।
योग में तमाम तरह के प्रणायाम, आसन आते हैं। इसमें बॉडी का मूवमेंट होता है। आपको योग करने के लिए एक जगह चाहिए होती है। यह एक तरह की एक्सरसाइज है जिसके अपने नियम है। जबकि मेडिटेशन योग का एक हिस्सा है। मेडिटेशन दिमाग को शांत रखने के लिए किया जाता है। इसे आप घर के किसी भी कोने में कर सकते हैं। इस दौरान आपको अपनी पूरी एनर्जी ध्यान केंद्रित करने में लगानी होती है।
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मेडिटेशन कैसे करते हैं
योग करने के बाद मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है। दरअसल एक समय में दिमाग में 100 तरह की बातें सोचता है। दिमाग को शांत रखने के लिए मेडिटेशन किया जाता है। मेडिटेशन के दौरान हम सिर्फ ध्यान लगाते हैं। हमेशा शांत जगह पर मेडिटेशन करना चाहिए। सुबह का समय मेडिटेशन के लिए सबसे अच्छा होता है।

रोजाना मेडिटेशन करने से तनाव कम होता है। दिमाग छोटी छोटी बातों पर बेचैन नहीं होता है। जिन लोगों को नींद आने की समस्या है उनके लिए मेडिटेशन बहुत फायदेमंद होता है। इसे करने के लिए आपको शारीरिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
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योग
योग में शारीरिक मुद्राएं, ध्यान और सांसों की एक्सरसाइज शामिल है जिसकी मदद से शरीर स्वस्थ रहता है और मन को शांति मिलती है। रोजाना योग करने से शरीर लचीला बनता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसे करने के लिए पर्याप्त स्थान की जरूरत होती है। योग में अलग अलग तरह के आसन होते हैं और हर आसन के अपने फायदे है। यह आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रखने में मदद करता है।