हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटापे को बड़ी समस्या बताया था और लोगों से अपील की थी कि इसके खिलाफ लड़ने के लिए मेहनत करें। अब भारत में एक ऐसी दवा लॉन्च की गई है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह मोटापा घटाने और डायबिटीज को खत्म करने में कामयाब रही है। यह दवा अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी एली लिली ने बनाई है और इसका नाम मोंजारो (Mounjaro) है। भारत के ड्रग रेगुलेटर यानी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेश (CDSCO) की ओर से इस दवा को मंजूरी मिलने के बाद इसे भारतीय बाजार में उतार दिया गया है। फिलहाल इसकी कीमत आम दवाओं से ज्यादा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, टाइप 2 डायबिटीज और डायिबिटीज मेलिटस और वजन कंट्रोल करने के लिए मोंजारो का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवा सिंगल डोज वाले वायल में आती है। इस दवा को लेने के बाद यह दो मुख्य हार्मोन GLP-1 और GIP को एक्टिवेट करती है जिससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसे हफ्ते में एक बार लिया जा सकता है। हालांकि, दवा लेने के लिए डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन जरूरी है। दवा के साथ-साथ हेल्दी डाइट और हर दिन एक्सरसाइज करना भी जरूरी है।
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इस दवा को कौन ले सकता है?
- ऐसे वयस्क लोग जो मोटापे का शिकार हैं, वे इस दवा को ले सकते हैं। जिनका बॉ़डी मास इंडेक्स (BMI) 30 या उससे ज्यादा है, वे भी इसे ले सकते हैं।
- ऐसे वयस्क जिनका वजन ज्यादा है (BMI 27 या उससे ज्यादा) और उन्हें वजन से संबंधित समस्याएं है, वे भी इस दवा को ले सकते हैं
- ऐसे वयस्क भी इस दवा को ले सकते हैं जो टाइप 2 डाइबिटीज के शिकार हैं और उन्हें अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने की जरूरत है
मोंजारो दवा बनाने वाली कंपनी लिली के भारत में प्रेसिडेंट विंसलो टकर का कहना है, 'यह कंपनी सरकार और हेल्थकेर इंडस्ट्री के साथ मिलकर काम करती है ताकि जागरूकता फैलाई जा सके और मोटापे से संबंधित बीमारियों के इलाज के विकल्प तैयार किए जा सकें। हमारा लक्ष्य है कि हम मोटापे और डाइबिटीज से जूझ रहे लोगों की मदद कर पाएं ताकि वे स्वस्थ जीवन जी सकें। भारत में मोंजारो को लॉन्च करना हमारे इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है।'
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कितनी है मोंजारो की कीमत?
इस दवा के बारे में सबसे पहले तो यह समझने की जरूरत है कि इसे आप अपनी मर्जी से नहीं ले सकते हैं। इसके जरिए किया जाने वाला इलाज डॉक्टरों या अन्य मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के हिसाब से ही किया जा सकता है और हर मरीज के लिए इसका इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से किया जाएगा।
इसका 2.5 mg वाला वायल 3500 रुपये में आता है। हफ्ते में एक ही बार इसका डोज लेना होता है तो इस हिसाब 2.5 mg वाली दवा के लिए महीने भर का खर्च 14 हजार रुपये पड़ेगा। वहीं, 5 mg वाले इंजेक्शन की कीमत 4375 रुपये है।
यह दवा काम कैसे करती है?
हफ्ते में एक बार ली जाने वाली यह दवा ब्लड शुगर, इंसुलिन और भूख को नियंत्रित करती है। इस दवा के बारे में दावा किया जा रहा है कि इसे लेने के बाद शरीर में इंसुलिन सही मात्रा में बनने लगता है। साथ ही, शरीर में ब्लड शुगर बढ़ाने वाले हार्मोन या ग्लूकेजन का स्तर कम होता है। इंसुलिन सेंसेटिविटी बेहतर होती है और पाचन थोड़ा धीमे हो जाता है जिससे लोगों को लंबे समय तक ऐसा लगता है कि उनका पेट भरा हुआ है और बार-बार भूख नहीं लगती। नतीजतन इंसान खाना कम खाता है और फैट स्टोरेज घटने लगता है।
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कैसा रहा है इसका ट्रायल?
इस दवा को लेकर वैश्विक स्तर दो स्टडी की गई हैं।
सरमाउंट-1 स्टडी वजन कम करने को लेकर की गई है। 2539 वयस्कों पर की गई इस स्टडी में ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो मोटापे, ज्यादा वजन या अन्य समस्याओं से जूझ रहे थे। इन लोगों को 72 हफ्ते तक यह दवा दी गई। साथ ही, इन लोगों ने नियंत्रित डाइट ली और एक्सरसाइज भी की।
- अधिकतम 15 mg वाला डोज लेने वालों का इतने समय में औसतन 21.8 किलो वजन कम हुआ
- न्यूनतम 5 mg वाला डोज लेने वालों का औसतन 15.4 किलो वजन कम हुआ।
दूसरी SURPASS स्टडी डाइबिटीड कंट्रोल को लेकर की गई। इस स्टडी में मोंजारो के साथ-साथ अन्य दवाओं का भी इस्तेमाल किया गया। नतीजों में यह सामने आया है कि मोंजारो लेने वालों में 40 हफ्तों में ब्लड शुगर (A1C) के स्तर में 2.4 पर्सेंट की कमी आई।