बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर किसी ने अपनी जिंदगी में जूते पहने हैं। जूता हमारे पैरों के लिए बेहद कंफर्टेबल होता है। मार्केट में अलग अलग तरह के जूते मिलते हैं जिसे आप अपने आउफिट के हिसाब से स्टाइल करते हैं। उदाहरण के लिए ऑफिस जाने के लिए फॉर्मल शूज, रनिंग या किसी भी तरह के खेल को खलेते समय स्पोर्ट्स शीज पहनते हैं। वहीं पार्टी के लिए अलग जूते आते हैं। खासतौर से महिलाएं स्टाइलिश दिखने के लिए हाई हील्स वाली सैंडल पहनती हैं। बिना यह सोचे- समझें कि इसका असर हमारे पैरों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। पैर हमारे शरीर की नींव है जिसके बलबूते आप खड़े होते हैं या बैठते हैं।
क्या आप जानते गलत जूते पहनने से आपके शरीर पर भी असर पर पड़ता है। लोग स्टाइक के चक्कर में कंफर्ट को नजरअंदाज कर देते हैं। बीएचयू के रिसर्च में बताया गया था कि अगर आप जूतों को कंफर्ट के अनुसार नहीं पहनते हें तो 23% युवा खिलाड़ी पहले ही अनफिट हो जाते हैं। इससे आपके बॉडी के बैलेंस और पैरों के विकास पर असर पड़ता है।
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गलत जूते पहनने से सेहत पर पड़ता है प्रभाव
Journal Of Foot And Ankle Research में बताया गया कि युवा और महिलाएं अक्सर उस तरह के जूते खरीदते हैं जो उनकी बॉडी के लिए सही नहीं होता है। इस वजह से पैरों में दर्द रहता है, कमर के निचले हिस्से में दर्द रहता है और बैलेंस बनाने का दबाव रहता है। अगर लंबे समय तक ये समस्याएं रहती हैं तो ऑस्टियोआर्थराटिस की परेशानी हो सकती है। टेढ़े या घिसे जूते आपके शरीर की अलाइनमेंट को खराब कर सकते हैं जिससे घुटनों, हिप्स और पीठ पर असर पड़ता है। इसलिए अच्छे कुशन वाली जूते पहनने चाहिए।
गलत जूते पहनने से होती हैं ये परेशानियां
- प्लांटर फेशिआइटिस-एड़ी से अंगलियों तक टिश्यू में सूजन आ सकती है।
- बुनियन- पैर में होने वाली हड्डी की एक समस्या है। इसमें पैरे के अंगूठे की हड्डी बाहर निकल जाती है। जब आपका अंगूठा छोटी अंगलियों पर दबाव या खिंचाव डालता है तब हड्डी बाहर की और निकलने लगती है।
- कॉर्न्स और कैलस- इसमें पैर पर मोटी, कठोर परतें जम जाती है। कॉर्न्स छोटी, गोल और पैर की अंगलियों पर होती हैं जबकि कैलस पैरों के निचले हिस्से पर होता है। इसकी वजह से चलने में दिक्कत होती है।
- मॉर्टन न्यूरोमा - इसमें नस के पास टिशूज मोटे हो जाते हैं।
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किस तरह के जूते पहनें
- रनिंग शूज को खासतौर से ऐसे बनाया जाता है ताकि घुटनों पर दबाव कम पड़ता है। जमीन से टकराव के झटकों को सोखते हैं। इन्हें हल्का और कंफर्टेबल बनाया जाता है ताकि बेहतर आर्च सपोर्ट मिले।
- ट्रेनिंग शूज का इस्तेमाल वेट ट्रेनिंग, स्ट्रेंथ वर्कआउट के लिए किया जाता है। यह जूते नीचे से सपाट और ज्यादा लचीले होते हैं।
- जूते खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि सोल से सपोर्ट मिले और कुशन झटके को एब्जॉर्ब करता है ताकि जोड़ों और घुटनों पर कम प्रभाव पड़ें।
- अच्छी फिटिंग वाले जूते खरीदें ताकि अंगलियों पर दबाव महसूस ना हो।