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मिल गया बांग्लादेशियों को दिल्ली में बसाने वाला गिरोह! 11 लोग गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर आरोप है कि ये संगठित तरीके से अवैध बांग्लादेशियों को बसाने के काम में लगे हुए थे। समझिए क्या है मामला।

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गिरफ्तार किए गए आरोपी, Photo: PTI

दिल्ली में रह रहे अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान का अभियान लगातार जारी है। उपराज्यपाल वी के सक्सेना के निर्देश पर शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक सैकड़ों अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान भी हुई है। अब इस मामले में दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ये लोग एक गिरोह से जुड़े हुए हैं जो अवैध तरीके से आए बांग्लादेशियों को भारत में बसाने का काम करते हैं। यह खुलासा हत्या के एक मामले की जांच के दौरान हुआ। पुलिस ने यह भी बताया है कि ये लोग फर्जी दस्तावेज तैयार करके आधार कार्ड भी बनवा लेते थे और इसी के जरिए अवैध तरीके से भारत में घुसे लोगों को भारत का नागरिक दिखा देते थे। 

 

यह मामला इन दिनों में खूब चर्चा में है। चुनाव से पहले सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच लगातार जुबानी जंग जारी है। कुछ दिनों पहले उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए थे कि वह 2 महीने तक खास अभियान चलाकर अवैध बांग्लादेशियों की पहचान करे और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने खास टीमों को जमीन पर उतार दिया है और हर दिन अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है। दिल्ली नगर निगम ने भी शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किया है और कहा है कि अवैध बांग्लादेशियों की पहचान करके 31 दिसंबर तर रिपोर्ट दी जाए।

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एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 11 लोगों में से चार लोग बांग्लादेशी नागरिक हैं और अन्य लोग कथित तौर पर फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाने में संलिप्त पाए गए हैं। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी साउथ) अंकित चौहान ने बताया, 'हमारी टीम ने 21 अक्टूबर को संगम विहार में हत्या के एक मामले में शामिल चार लोगों को ढूंढ निकाला, जिसके बाद गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।' ये लोग न सिर्फ अभी के लिए यह काम कर रहे थे बल्कि लंबे समय से ये इस तरह के काम में लिप्त बताए गए हैं।

 

दिल्ली की बस्तियों में वेरिफिकेशन करती पुलिस टीम, Photo: PTI

 

 

पुलिस के मुताबिक, बांग्लादेशी नागरिक मिदुल मियां उर्फ ​​आकाश अहमद और फरदीन अहमद उर्फ ​​अभि अहमद को उनकी पत्नियों के साथ सेंतू शेख उर्फ ​​राजा की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने आगे कहा, 'पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उनके पड़ोस में रहने वाला सेंटू उन्हें छोटी-छोटी बातों पर धमकाता था। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी अवैध रूप से भारत में घुस आए थे और कई सालों से संगम विहार में रह रहे थे।' उनके पास बांग्लादेश का पहचान पत्र और जन्म प्रमाण पत्र पाए गए। पीड़ित के घर से करीब 21 आधार कार्ड, चार मतदाता पहचान पत्र और आठ पैन कार्ड भी बरामद किए गए।

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डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अभिनेंद्र जैन और नीरज टोकस की निगरानी में निरीक्षक उमेश यादव और उमेश शर्मा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी। पुलिस के अनुसार, आरोपियों से पूछताछ के बाद रोहिणी सेक्टर -5 में स्थित ‘पूनम ऑनलाइन कंप्यूटर सेंटर’ के संचालक साहिल सहगल (26) को गिरफ्तार किया गया। इस सेंटर में फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल करके आधार कार्ड और दूसरे दस्तावेज बनाए गए थे। इस साहिल सहगल ने खुलासा किया कि मृतक सेंटू शेख उर्फ ​​राजा के जरिए बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों ने उससे संपर्क किया था।

 

 

अंकित चौहान ने आगे कहा, 'साहिल ने जाली जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल किया और आधार कार्ड की प्रक्रिया के लिए अपने सहयोगी रंजीत को भेज दिया।' रोहिणी सेक्टर 7 निवासी रंजीत, सेक्टर 5 में स्थित कर्नाटक बैंक में अधिकृत आधार कार्ड ‘ऑपरेटर’ अफरोज (25) के साथ काम करता था और उसने फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों से आधार कार्ड बनाने में अफरोज ने मदद की थी। इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

 

 

इन दस्तावेजों के लिए ‘पेटीएम’ के माध्यम से उत्तम नगर निवासी मोहम्मद चांद (28) को भुगतान किया जाता था और उसे दिल्ली के विकास नगर से गिरफ्तार कर लिया। चांद खुद दो पर्सेंट कमीशन रखता और बाकी पैसे उत्तम नगर निवासी सद्दाम हुसैन को ट्रांसफर कर देता था। पुलिस ने सद्दाम को भी गिरफ्तार किया और जांच में पता चला कि वेबसाइट चलाने का काम उसका सहयोगी दीपक मिश्रा करता था। पुलिस ने दीपक मिश्रा (34) को अंबाला में पकड़ लिया और वेबसाइट बनाने वाले उसके साले सोनू कुमार को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया।

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