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जिस 'अमोनिया' पर छिड़ी है AAP-BJP में जंग, वह कितनी खतरनाक है?

देश की सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियों में से एक यमुना भी है। यमुना में अमोनिया का स्तर बहुत बढ़ गया है। अब आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। माजरा क्या है, आइए समझते हैं।

Yamuna

यमुना नदी देश की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक है। (तस्वीर-PTI)

यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बहद से ज्यादा बढ़ गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच यमुना की पानी को लेकर जमकर बहसबाजी हो रही है। दिल्ली जल बोर्ड ने प्रदूषित यमुना को देखते हुए पानी की सप्लाई रोकने का फैसला किया है।

दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि जब तक यमुना का पानी साफ नहीं हो जाता, पानी की सप्लाई कम की जाएगी। यमुना में अमोनिया का स्तर इस हद तक बढ़ गया है कि वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट 25 से 50 प्रतिशत तक काम पानी साफ कर पा रहा है। जब तक अमोनिया का स्तर सुधरता नहीं है, यही दर बरकरार रहेगी। दूसरे प्लांट भी दिल्लीवासियों को 10 प्रतिशत कम पानी दे सकेंगे। 

क्या है AAP का कहना?
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भरद्वाज ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की पानी को बीजेपी सरकार खराब कर रही है। उन्होंने हरियाणा सरकार पर आोरप लगाया है कि नदी में जहरीले औद्योगिक कचरे को अनियंत्रित तौर पर डाला जा रहा है, जिसकी वजह से दिल्ली में जल सकंट पैदा हो रहा है।

क्यों हरियाणा सरकार पर सवाल?
सौरभ भरद्वाज ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नदी में अमोनिया का स्तर खतरनाक तौर पर बढ़ गया है, जिससे वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम बाधित हो रहा है। यह प्लांट अपनी क्षमता से आधा पानी साफ कर पा रहा है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी यमुना की सफाई को लेकर निष्क्रिय है। रियाणा सरकार ने पानीपत और सोनीपत के प्रदूषण से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं। 

BJP ने किसे बताया दोषी?
बीजेपी दिल्ली के महासचिव और लोकसभा सदस्य योगेंद्र चंदोलिया ने आम आदमी पार्टी के आरोपों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि ऐसे दावे भ्रामक हैं और गलत हैं। उनका कहना है कि हरियाणा से दिल्ली में आने वाला पानी पल्ला तक तय नियमों का पालन करता है और यहां तक पानी साफ है।

योगेंद्र चंदोलिया का दावा है कि वजीराबाद WTP का वाटर स्टोरेज रेत से भरा हुआ है जिससे अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है। अगर दिल्ली के वाटर प्लांट पानी में अमोनिया का स्तर साफ नहीं कर पा रहे हैं तो यह दिल्ली सरकार की नाकामी है। दिल्ली सरकार वाटर प्लांट को अपडेट नहीं कर पाई है।

पानी में अमोनिया कितना होना चाहिए?
अमोनिया युक्त पानी पीने से सेहत खराब हो सकती है। भारतीय मानक ब्यूरो के मुताबिक पानी में अमोनिया की मात्रा 0.5 पीपीएम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यमुना में अमोनिया का स्तर 8 से 9 पीपीएम तक पहुंच जाता है। जब पानी में ज्यादा औद्योगिक कचरा पड़ता है, तब पानी इस हद तक प्रभावित होता है। PPM का मतलब पार्ट्स पर मिलियन होता है। इसका मतलब है कि कितना पानी में केमिकल या दूसरी अशुद्धियां मिली हुई हैं। 

अमोनिया का सेहत पर असर क्या है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो अमोनिया युक्त पानी पीने से लिवर पर असर पड़ता है। पेट दर्द बढ़ सकता है, शरीर में संक्रमण का खतरा मंडराता है। कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। जानवरों के लिए भी ऐसा पानी खतरनाक है। पानी में जब अमोनिया का स्तर बढ़ता है तब उसमें बदबू भी आने लगती है। अमोनिया सामान्य तापमान पर गैस की स्थिति में होती है, जब पानी में घुलता है तो यह बेहद खतरनाक हो जाती है। 

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