ऑपरेशन सिंदूर पर अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस की ओर से भारतीय डेलिगेशन के लिए विदेश में अपना पक्ष रखेंगे। तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐलान किया है कि अभिषेक बनर्जी इस डेलिगेशन का हिस्सा होंगे। विदेश में संसदीय दलों के नेता जाएंगे और ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे। टीएमसी ने X पर पोस्ट किया, 'हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ममता बनर्जी ने टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को आतंकवाद के खिलाफ बने ऑल पार्टी डेलिगेशन के लिए नियुक्त किया है।'
तृणमूल कांग्रेस ने कहा, 'ऐसे वक्त में जब दुनिया आतंकवाद से जब जूझ रही है, अभिषेक बनर्जी अपना पक्ष रखेंगे। उनकी मौजूदगी पश्चिम बंगाल की आतंकवाद के खिलाफ मंशा को जाहिर करेगी, भारत की मजबूत आवाज को वैश्विक तौर पर रखेगी।' युसुफ पठान ने जब ऑपरेशन सिंदूर पर बने प्रतिनिधिमंडल से अपना नाम वापस लिया तो उनकी जमकर आलोचना हुई। लोगों ने कहा कि ऐसे अहम मुद्दे के वक्त भी युसुफ पठान राजनीति कर रहे हैं।
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युसुफ पठान ने वापस लिया था नाम
टीएमसी सांसद युसुफ पठान ने अपना नाम डेलिगेशन से वापस ले लिया था। आरोप था कि टीएमसी से केंद्र ने नाम नहीं लिया था। अब ऐसा कहा जा रहा है कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ममता बनर्जी को फोन किया था और कहा था कि कौन पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सकता है, जिसके बाद ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी का नाम दिया।
ममता बनर्जी ने सोमवार को यह कहा था कि टीएमसी केंद्र के डेलिगेशन का विरोध नहीं कर रही है, वह अपने पार्टी के प्रतिनिधि को जगह देगी। जब केंद्र की ओर से नाम मांगा जाएगा तब पार्टी नाम सुझाएगी।
'डेलिगेशन हमारा, तय आप कैसे करेंगे'
ममता बनर्जी ने केंद्र को सलाह दी थी कि किसी भी पार्टी के सांसदों का नाम आप कैसे तय कर सकते हैं, यह नाम तय करने का अधिकार केंद्र का ही होना चाहिए। ममता बनर्जी ने कहा था, 'इन दिनों वे राजनीतिक दल को सूचना देने की जगह संसदीय दल को सूचित कर देते हैं। संसदीय दल तब चुना जा सकता है जब सत्र चल रहा हो। वे नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते हैं।'