लंबे समय से भारत में रह रहे एक अफगानिस्तानी नागरिक को इमिग्रेशन अधिकारी की सूझबूझ के चलते पकड़ लिया गया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ एयरपोर्ट पर पासपोर्ट चेकिंग के दौरान इमिग्रेशन अधिकारी को उस पर शक हुआ क्योंकि वह खुद को बिहार का बता रहा था लेकिन उसकी बोलचाल से ऐसा नहीं लग रहा था। इसके बाद अधिकारी ने उससे पूछताछ की तो आरोपी ने खुद को पटना का रहने वाला बताया लेकिन वह पटना के बारे में कुछ भी नहीं जानता था। इस शख्स के पास से कई जाली दस्तावेज और अफगानिस्तान का पासपोर्ट भी मिला है। इसके बाद पुलिस को इस मामले की सूचना दी गई और पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। इस मामले में लखनऊ पुलिस जांच कर रही है।
लखनऊ एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन विभाग ने एक अफगानिस्तानी नागरिक को भारत के फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़ा है। आरोपी ने पकड़े जाने से पहले खुद को बिहार का रहने वाला बताया था। वह रेहान नाम से फर्जी पासपोर्ट लेकर यात्रा करने की कोशिश कर रहा था और वह इंडिगो की फ्लाइट से शारजाह जाने की तैयारी में था। इमिग्रेशन अधिकारी विद्या राम शुक्ल को उसकी बोली के कारण उस पर शक हो गया। इसके बाद अधिकारियों ने आरोपी के पासपोर्ट की गहन जांच की। इस जांच में पता चला कि वह आरोपी जाली पासपोर्ट के साथ यात्रा करने की कोशिश कर रहा था। जांच में पता चला कि आरोपी का असली नाम जंदुल्लाह दाद मोहम्मद है और वह अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत का नागरिक है।
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जाली दस्तावेज बनाकर चकमा दे रहा था
आरोपी जंदुल्लाह दाद मोहम्मद शाम के 7 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचा। वह एक आम भारतीय की तरह व्यवहार कर रहा था और उसके कपड़ों से भी वह भारतीय ही लग रहा था। वह इंडिगो की फ्लाइट से शारजाह जाने की तैयारी में था। उसके पास सारे दस्तावेज थे, जिनमें भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक पासबुक और राशन कार्ड शामिल था। इन सभी दस्तावेजों में उसका नाम रेहान था और उसके पिता का नाम कबीर था। सारे दस्तावेजों पर बिहार के पटना का पता था। उसके पास 1600 अमेरिकी डॉलर, 3 हजार UAE के दिरहम, 21 हजार रुपये, UAE का वीजा और तीन मोबाइल फोन भी थे।
इमिग्रेशन अधिकारी ने पकड़ा झूठ
इमिग्रेशन अधिकारी विद्या राम शुक्ल को आरोपी पर शक हुआ। आरोपी खुद को बिहार का बता रहा था लेकिन उसकी बोली बिहार की नहीं थी। दस्तावेजों से वह बिहारी था और पहनावे से भी वह विद्या राम शुक्ल को शक हुआ। विद्या राम शुक्ल ने उससे सवाल किया, 'आप पटना से हैं, पटना में कहां से हैं।' अधिकारी ने उसकी जानकारी निकालने की कोशिश की। इसके बाद आरोपी ने जवाब दिया तो अधिकारी का शक यकीन में तब्दील होने लगा।
आरोपी की बोली बिहार और पटना से नहीं मिल रही थी और वह पटना के बारे में कुछ भी नहीं बता पाया। उसकी भाषा में विदेश की बोली का पता चल रहा था। इसके बाद अधिकारी ने अपने दूसरे साथियों से कहा, 'यह कह रहा है कि यह पटना से है पर इसे पटना के बारे में कुछ भी नहीं पता है। इसकी बोली भी पटना वाली नहीं है।' इसके बाद अधिकारी उसे पूछताछ के लिए ले गए जहां उसकी सच्चाई सामने आ गई।
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6 दिन के वीजा पर आया, 6 साल से भारत में मौजूद
जंदुल्लाह दाद मोहम्मद दिसंबर 2019 में 6 दिन के मेडिकल वीजा पर भारत आया था। अधिकारियों को जांच के दौरान उसके सामान से वह वीजा मिला और इसके साथ ही अफगानिस्तान का पासपोर्ट भी मिला। वह अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत का रहने वाला है। वीजा खत्म होने के बाद वह भारत से नहीं गया और 2020 तक उसने सारे फेक दस्तावेज बनवा लिए। इस केस से इमिग्रेशन अधिकारी हैरान हैं कि कैसे उसने सारे भारतीय दस्तावेज बनवा लिए। इमिग्रेशन विभाग ने मामले की जांच कर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। लखनऊ पुलिस ने इस नागरिक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। अभी आरोपी न्यायिक हिरासत में है।