अहमदाबाद विमान हादसे के ठीक एक महीने बाद 12 जुलाई को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की। इसमें स्पष्ट तौर पर यह नहीं बताया गया कि विमान हादसे की वजह क्या थी? मगर यह जरूर पता चला कि उड़ान के महज कुछ सेकंड बाद ही विमान के दोनों इंजन बंद हो चुके थे। बाद में दोनों इंजन चालू तो हुए लेकिन हादसा नहीं टल सका। मामले की अब भी जांच की जा रही है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में दोनों पायलटों की आखिरी बातचीत मिली है। बावजूद इसके हादसे के पीछे की असल वजह से पर्दा नहीं उठ सका है। कुछ सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब मिलना जरूरी है।
12 जून की दोपहर विमान ने अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन की उड़ान भरी। विमान पर चालक दल के 12 सदस्यों समेत कुल 242 लोग सवार थे। हादसे में विमान में सवार 241 और जमीन पर मौजूद 19 अन्य लोग समेत कुल 260 की जान गई। सिर्फ इंग्लैंड के रहने वाले एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश की जान बच गई थी। वह आपातकालीन निकास के नजदीक स्थित सीट नंबर 11A पर बैठे थे।
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कैसे बंद हुआ इंजन का स्विच?
अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में एएआईबी ने बताया कि उड़ान भरने के महज तीन सेंकड बाद ही विमान के दोनों इंजन के फ्यूल स्विच बंद हो चुके थे। इसके इंजन तक जरूरी फ्यूल नहीं पहुंच सका और विमान नीचे गिरता गया। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ सेकंड में स्विच रन से कटऑफ पर पहुंचे।
कैप्टन की निगरानी में विमान को-पायलट उड़ा रहा था। रिपोर्ट बताता है कि विमान ने 1 बजकर 38 मिनट और 42 सेकंड में 180 नॉट्स आईएएस की स्पीड पर पहुंचा। एक सेकंड बाद ही इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल स्विच बंद हो गए थे। फ्लाइट ने तीन सेकंड पहले ही 1 बजकर 38 मिनट और 39 सेकेंड में टेकऑफ किया था। पायलट ने 1 बजकर 39 मिनट और 5 सेकंड पर मेडे संदेश दिया। उड़ान भरने के महज 30 सेकंड में विमान हादसे का शिकार हो गया। एएआईबी ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया कि विमान का स्विच कैसे बंद हुआ?
पायलटों के बीच क्या हुई आखिरी बात?
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में पायलटों के बीच आखिरी बातचीत रिकॉर्ड है। इसमें एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि फ्यूल क्यों बंद किया? दूसरे पायलट ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया है। इससे यह बात तो साफ है कि फ्यूल बंद होने की जानकारी दोनों के पास नहीं थी। अब सवाल उठता है कि विमान के उड़ान के बाद यह स्विच कैसे बंद हुआ?
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क्या दूसरे इंजन ने दिया धोखा?
महज 30 सेकंड के भीतर विमान हादसा हुआ था। इन 30 सेकंड में पायलटों ने विमान को बचाने की पूरी कोशिश की। एक बजकर 38 मिनट और 52 सेकंड पर इंजन-1 के स्विच को वापस चालू कर दिया गया। इसके चार सेकेंड बाद 1 बजकर 38 मिनट और 56 सेकंड पर दूसरा इंजन चालू हुआ। पहले इंजन में आ रही बाधा धम चुकी थी। मगर दूसरे इंजन में बार-बार ईंधन पहुंचाने की कोशिश की गई। मगर वह स्थिर नहीं हो सका।
क्या टल सकता था हादसा?
विमान की ऊंचाई बेहद कम थी और पायलटों के पास समय भी बहुत कम था। जेट इंजनों को दोबारा चालू करने में अधिक ऊंचाई और कई मिनट का समय लगता है। अगर पर्याप्त ऊंचाई और समय होता तो शायद यह हादसा टल भी सकता था। एएआईबी की यह रिपोर्ट प्रारंभिक है, अंतिम नहीं। इसका मतलब यह है कि आगे की जांच में कई नए खुलासे हो सकते हैं और तथ्य भी बदल सकते हैं।