भारत ने बुधवार को एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने में मारे गए ब्रिटिश नागरिकों के शवों की पहचान में हुई गड़बड़ी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह 'चिंताओं और मुद्दों' को दूर करने के लिए ब्रिटेन के साथ मिलकर काम कर रहा है। 12 जून को अहमदाबाद में बोइंग 787 के दुर्घटनाग्रस्त होने से विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई, जबकि ग्राउंड पर मौजूद 19 लोग भी मारे गए।
मृतकों में 52 ब्रिटिश नागरिक थे। अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान का थ्रस्ट कम हो गया और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ब्रिटेन के डेली मेल अखबार ने मंगलवार को खबर दी कि क्रैश में मरने वाले दो ब्रिटिश नागरिकों के शरीरों के अवशेषों की ब्रिटेन वापस भेजे जाने से पहले गलत पहचान कर ली गई थी।
यह भी पढ़ेंः बोइंग 787 के फ्यूल स्विच में खराबी नहीं, एयर इंडिया ने पूरी की जांच
काम किया जा रहा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने डेली मेल की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय अधिकारी इस मुद्दे पर अपने ब्रिटिश समकक्षों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारत की यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन और मालदीव के दो देशों के दौरे के कुछ ही घंटों बाद आई है।
जायसवाल ने कहा, 'हमने रिपोर्ट देखी है और जब से ये चिंताएं और मुद्दे हमारे ध्यान में आए हैं, हम ब्रिटिश पक्ष के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'दुखद दुर्घटना के बाद, संबंधित अधिकारियों ने प्रोटोकॉल के मुताबिक और तकनीकी आवश्यकताओं के अनुसार पीड़ितों की पहचान की थी।
सभी शवों को अत्यंत प्रोफेशनल तरीके से और मृतकों की गरिमा का पूरा ध्यान रखते हुए संभाला गया।' जायसवाल ने आगे कहा, 'हम इस मुद्दे से जुड़ी किसी भी चिंता का समाधान करने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'
नहीं किया अंतिम संस्कार
डेली मेल के अनुसार, एक मृतक के रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार की योजना तब छोड़ दी जब उन्हें पता चला कि उनके ताबूत में उनके परिवार के सदस्य के बजाय एक अज्ञात यात्री का शव है।
एक अन्य मामले में, दुर्घटना में मारे गए एक से ज़्यादा लोगों के 'मिले-जुले' अवशेष गलती से एक ही ताबूत में रख दिए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वीकेंड में शवों को दफनाने से पहले उन्हें अलग करना पड़ा।
नहीं हुआ DNA का मिलान
यह चूक तब सामने आई जब परिवारों द्वारा उपलब्ध कराए गए नमूनों के साथ डीएनए का मिलान करके स्वदेश भेजे गए शवों की पहचान वेरिफाई करने की कोशिश की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले की ब्रिटेन और भारत में एक शीर्ष-स्तरीय जांच चल रही है, और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर द्वारा अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान मोदी के समक्ष 'अपनी चिंताओं को उठाने' की उम्मीद है।
यह भी पढ़ेंः AI Crash: मंत्री बोले-अटकलबाजी से बचे पश्चिमी मीडिया, अब तक क्या हुआ?
भारतीय प्रधानमंत्री 23-24 जुलाई को स्टारमर और किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात के लिए ब्रिटेन में रहेंगे। इस यात्रा का मुख्य आकर्षण द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर औपचारिक हस्ताक्षर होगा।