अहमदाबाद में 12 जून को जब एयर इंडिया का विमान हादसे का शिकार हुआ, तो आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़ पड़े। वहां के रहने वाले 56 साल के राजू पटेल सबसे पहले पहुंचने वालों में से थे। राजू एक कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं और हादसे के सिर्फ पांच मिनट बाद ही वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और राहत का काम शुरू कर दिया। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज की कैंटीन पर गिरा, उस वक्त वहां कई छात्र लंच कर रहे थे। टक्कर के बाद ज़बरदस्त आग लग गई, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी सामने आईं।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए राजू पटेल ने बताया, 'शुरुआत के 15–20 मिनट तक तो हम आग के पास भी ठीक से नहीं जा पाए। आग बहुत ही डरावनी थी।' उन्होंने बताया कि जब इमरजेंसी सर्विस वहां पहुंची, तब उनकी टीम ने स्ट्रेचर ना होने पर साड़ियों और चादरों की मदद से घायलों को वहां से निकालना शुरू किया। वह रात 9 बजे तक मौके पर मौजूद रहे। पटेल ने बताया, 'जैसे ही पहली फायर ब्रिगेड और 108 एंबुलेंस आई, हम फौरन मदद के लिए आगे आ गए। हमने जो कुछ भी बन पड़ा, किया।'
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70 तोले सोने के गहने और 80 हजार नकद
मलबे के बीच में उन्हें जले हुए सामान बिखरे पड़े मिले। उनकी टीम ने बचा हुआ सामान ढूंढना शुरू किया और 70 तोले सोने के गहने (800 ग्राम से ज्यादा), करीब 80 हजार रुपयह नकद, कुछ पासपोर्ट और एक भगवद गीता बरामद की। उन्होंने यह सब पुलिस को सौंप दिया। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि हर एक बरामद सामान का रिकॉर्ड रखा जा रहा है और उसे पीड़ितों के परिवारों को लौटाया जाएगा। पटेल ने कहा, 'जो कुछ देखा वह बहुत ही दुखद था लेकिन मैं शुक्रगुजार हूं कि हम किसी काम आ सके।' इससे पहले पटेल 2008 के अहमदाबाद बम धमाकों के वक्त भी रेस्क्यू में शामिल रहे थे।
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पिछले कई सालों की सबसे बड़ी एयर दुर्घटना
ब्रिटेन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान गुरुवार को उड़ान भरते ही कुछ ही सेकंड में अचानक ऊंचाई खोने लगा और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयानक हादसे में 270 लोगों की मौत हो गई, जो पिछले एक दशक की सबसे बड़ी विमान दुर्घटना मानी जा रही है।
बीजे मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धवल गमेती ने बताया कि अब तक मलबे से कम से कम 270 शव बरामद किए जा चुके हैं। विमान में कुल 242 यात्री और क्रू मेंबर सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक शख्स ही जिंदा बच पाया। बाकी सभी की मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा एयर इंडिया के लिए भी बड़ा झटका है। साल 2022 में टाटा ग्रुप ने इसे भारत सरकार से खरीदा था और तब से कंपनी अपनी पुरानी साख लौटाने और बेड़े को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश में लगी थी।