प्रकाश सिंह बादल से वापस लिया गया 'फ़ख्र-ए-कौम', सुखबीर बादल को सजा!
देश
• AMRITSAR 02 Dec 2024, (अपडेटेड 02 Dec 2024, 8:23 PM IST)
राम रहीम को माफी दिलाने के मामले में श्री अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई है। सुखबीर बादल ने अकाल तख्त के सामने अपनी गलती स्वीकार की।

श्री अकाल तख्त ने सुनाया अपना फैसला, Image Source: PTI
पंजाब के बादल परिवार के लिए आज का दिन बेहद भारी है। श्री अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक कदाचार मामले में सजा सुनाई है। साथ ही, उनके दिवंगत पिता और पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को दिए गए 'पंथ रतन फ़ख्र-ए-कौम' पुरस्कार वापस लेने का ऐलान किया है। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह समेत पांच संतों ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल दोषी पाए गए हैं। यह मामला डेरा सच्चा सौदा के मुखिया राम रहीम सिंह को माफी दिलाने से जुड़ा हुआ है। सुखबीर बादल ने अकाल तख्त के सामने अपनी गलती मानी और स्वीकार किया कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए गलत काम किए। सुखबीर बादल को जूते और बर्तन और अपने गले में एक तख्ती लटकाने की सजा सुनाई गई है।
सजा के तहत ये सभी लोग स्वर्ण मंदिर में सेवादार का काम करेंगे। सुखबीर सिंह बादल और सुखदेव सिंह ढींढसा व्हील चेयर पर है इसलिए ये दोनों व्हील चेयर पर बैठकर ही बर्तन धोएंगे और स्वर्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के जूते साफ करेंगे। इन लोगों को सेवादार के कपड़े पहनकर व्हील चेयर पर बैठकर गार्ड का काम भी करना होगा। सुखबीर सिंह बादल के अलावा बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह, बिक्रमजीत सिंह मजीठिया, बीजेपी नेता सोहन सिंह ठंडल, महेश इंदर सिंह, आदेश प्रताप सिंह कैरों इत्यादि को भी सजा सुनाई गई है।
VIDEO | Five high priests headed by Akal Takht Jathedar Giani Raghbir Singh pronounce punishment for former Punjab deputy CM Sukhbir Singh Badal for religious misconduct.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 2, 2024
On August 30, Sukhbir was declared ‘tankhaiya’ by Akal Takht, which held him guilty of religious misconduct… pic.twitter.com/MwPKXI1OS3
इसी साल 30 अगस्त को सुखबीर सिंह बादल को 'तनखैया' घोषित किया गया था। कुछ दिन पहले ही सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। अब श्री अकाल तख्त की ओर से कहा गया है कि सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए। अकाल तख्त ने माना है कि जब गुरमीत राम रहीम को माफी दिलवाई गई तब प्रकाश सिंह बादल भी वहां मौजूद थे।
इस फैसले पर शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा है, 'हमने पहले दिन से कहा है कि हम श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले को स्वीकार करेंगे। जो भी आदेश दिया गया है, वह हमें स्वीकार है। पूरा आदेश आ जाने दीजिए, तब हम डीटेल समझ लेंगे। कुछ फैसले पार्टी की वर्किंग कमेटी की ओर से लिए जाएंगे।'
VIDEO | "Since Day 1, we have said that we will accept the order of Sri Akal Takht Sahib. Whatever order has been given, we have accepted it. Let the complete order come, we will check the details. Some of the decisions will be taken by the working committee of the party," says… pic.twitter.com/y11dqV8WfM
— Press Trust of India (@PTI_News) December 2, 2024
'पांचों तख्त ने मिलकर लिया था फैसला'
कभी ऐसा भी वक्त था कि साल 2015 में ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा था कि प्रकाश सिंह बादल से 'फ़ख्र-ए-कौम' वापस नहीं लिया जाएगा। तब गुरबचन सिंह ने कहा था कि यह सम्मान सिख धर्म की सेवा करने के लिए प्रकाश सिंह बादल को दिया गया है और किसी भी स्थिति में इसे वापस नहीं लिया जा सकता है। तब उन्होंने यह भी कहा था कि प्रकाश सिंह बादल को यह सम्मान देने का फैसला किसी एक का नहीं बल्कि पांचों तख्त- अकाल तख्त, तख्त केशगढ़ साहिब, तख्त दमदमा साहिब, तख्त हुजूर साहिब और तख्त पटना साहिब ने मिलकर लिया था। यह फैसला साल 2011 में लिया गया था।
#WATCH | Amritsar, Punjab: Akal Takht Jathedar Giani Raghbir Singh convenes a meeting of Sikh clergies to address Panthic matters, including issues related to the Shiromani Akali Dal (SAD) that are currently under consideration.
— ANI (@ANI) December 2, 2024
On August 30, SAD chief Sukhbir Singh Badal was… pic.twitter.com/fGn3LyhDjy
क्या सजा मिली है?
ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा है कि सुखबीर सिंह बादल 3 दिसंबर से घंटाघर के बाहर सेवादार के रूप में ड्यूटी करनी होगी। इस दौरान उनके गले में तख्ती होगी। इसके बाद स्नान करके लंगर हॉल में जाकर 1 घंटे तक बर्तन धोने होंगे। फिर 1 घंटे तक शबद कीर्तन करना होगा। इस दौरान भी गले में तख्ती पड़ी रहेगी। दरबार में दो दिन तक सेवा करने के बाद बाकी के चारों तख्त में सेवा करनी होगी। सेवा पूरी करने का बाद ही तनखैया का तमगा हटेगा। चूंकि उनके पैर में चोट है इसलिए वह यह सेवा व्हील चेयर पर बैठकर दे पाएंगे।
अन्य मंत्रियों को भी मिली सज़ा
इसके अलावा 2015 में कैबिनेट में मेंबर रहे कुछ लोगों को भी सज़ा दी गई है। इनमें बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह, बिक्रमजीत सिंह मजीठिया, बीजेपी नेता सोहन सिंह ठंडल, महेश इंदर सिंह, आदेश प्रताप सिंह कैरों इत्यादि को भी सजा सुनाई गई है। मंगलवार यानी 3 दिसंबर को इन लोगों को स्वर्ण मंदिर कॉम्प्लेक्स में बाथरूम साफ करने की ड्यूटी दी गई है।
तनखैया घोषित करने का मतलब क्या है?
सिख धर्म के मुताबिक, अगर कोई धार्मिक दुराचार का दोषी पाया जाता है तो उसे 'तनखैया' घोषित कर दिया जाता है। श्री अकाल तख्त ने माना है कि साल 2007 से 2017 के बीच सुखबीर सिंह बादल ने गलत राजनीतिक फैसले लिए जो उन्हें धार्मिक कदाचार का दोषी बनाता है। इसी के चलते 30 अगस्त को उन्हें तनखैया घोषित किया गया था। यानी उन्हें धर्म से निकाल दिया गया है। इसके तहत ही उन्हें सजा सुनाई गई है क्योंकि सुखबीर सिंह बादल ने दरबार साहिब जाकर माफी मांग ली थी। अब उन्हें जो सजा सुनाई गई है, वह पूरी होने के बाद ही तनखैया हटाया जाएगा। इससे पहले पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी तनखैया घोषित किया गया था।
क्या है पूरा विवाद?
रेप के आरोपों में सजा पा चुके राम रहीम का विवादों से पुराना नाता रहा है। दरअसल, गुरमीत राम रहीम ने साल 2007 में सलाबतपुरा में गुरु गोबिंद सिंह जैसी वेशभूषा धारण करके अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इसी को लेकर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज हुआ था। उस वक्त पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की सरकार थी और इसी सरकार ने राम रहीम के खिलाफ सारे केस वापस ले लिए थे। इसी केस में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को सिख पंथ से ही निकाल दिया था। हालांकि, सुखबीर सिंह बादल ने अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल किया और राम रहीम को माफी दिलवा दी। बाद में अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी दिलवाने का फैसला वापस ले लिया और सुखबीर बादल समेत अन्य मंत्रियों की जवाबदेही तय की।
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