कोलकाता पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार करने के बाद शनिवार को अदालत में पेश किया। कोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 22 वर्षीय शर्मिष्ठा मूलरूप से कोलकाता के आनंदपुर की रहने वाली हैं। मौजूदा समय में वह पुणे के एक विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर रही हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शर्मिष्ठा ने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। उन पर वीडियो के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। कोलकाता पुलिस का कहना है कि समन के बाद शर्मिष्ठा को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया। शनिवार को अलीपुर सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने कोर्ट से रिमांड मांगा, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया और शर्मिष्ठा को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जब शर्मिष्ठा को कोर्ट से जेल ले जाया जा रहा था तो उसने कहा, 'लोकतंत्र में रहते हुए तुमने जो उत्पीड़न किया है, यह लोकतंत्र नहीं है।'
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गिरफ्तारी पर कोलकाता पुलिस ने क्या कहा?
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई। कई तरह के सवाल उठने लगे। इस बीच कोलकाता पुलिस ने बयान जारी करके स्पष्ट किया है कि गिरफ्तारी में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है। कोलकाता पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, 'गार्डन रीच पुलिस स्टेशन के केस संख्या 136 दिनांक 15.05.2025 के संदर्भ में, कानून की छात्रा की अवैध गिरफ्तारी की बात करने वाली कुछ सोशल मीडिया पोस्ट तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक हैं।'
पुलिस ने आगे लिखा, 'सभी कानूनी प्रक्रियाओं का विधिवत पालन किया गया। नोटिस देने के सभी प्रयास किए गए, लेकिन वह हर बार फरार मिली। इसके बाद सक्षम न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। पुलिस ने इसके बाद उसे गुड़गांव से वैध तरीके से गिरफ्तार किया। उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार ट्रांजिट रिमांड लिया गया। हम सभी संबंधित लोगों से अपील करते हैं कि वे असत्यापित या अटकलें लगाने वाले कंटेंट को फैलाने से बचें और जानकारी के लिए प्रामाणिक स्रोतों पर भरोसा करें।'
सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी सरकार को घेरा
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल की सरकार पर कुछ खास लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'महुआ मोइत्रा के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज है। उन्होंने माता काली पर घटिया टिप्पणी की, क्या कोई एक्शन हुआ? उनकी (TMC) सांसद सायोनी घोष ने महादेव के बारे में क्या पोस्ट किया? कोई एक्शन हुआ?
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अधिकारी ने आगे कहा, 'फरहाद हकीम के खिलाफ इतनी एफआईआर दर्ज हुईं, कोई एक्शन हुआ? एक्शन सिर्फ सनातनियों के खिलाफ हो रहा है। यहां सनातन को गाली देने का लाइसेंस है, यह तुष्टिकरण की राजनीति है। महुआ ने एक टॉक शो में देवी काली के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, 200 एफआईआर दर्ज की गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।'