अमेरिका लगातार अवैध भारतीय अप्रवासियों को भारत भेज रहा है और आगे भी वापस भेजने की योजना बना रहा है। हालांकि, पिछले महीने अमेरिका ने जिन भारतीयों को अमानवीय तरीके से वापस भेजा था उसपर देश में गंभीर सवाल उठे।
सैन्य विमानों से अमेरिका से वापस लाए गए भारतीयों के साथ किए गए व्यवहार के बारे में भारत सरकार ने अमेरिका के सामने औपचारिक चिंता जताई है। इसके बाद अमेरिका ने भारत को प्रतिक्रिया दी है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि भारत की चिंताएं विशेष रूप से धार्मिक संवेदनशीलता और खाने-पीने को लेकर हैं।
रिपोर्ट्स में सिखों से पगड़ियां हटाने का दावा
दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अमेरिका से निर्वासित सिखों से उनकी पगड़ियां हटाने को कहा गया है, जबकि महिलाओं और बच्चों को भारत वापस भेजे जाने के दौरान बेड़ियां पहनाई गई थीं। भारत सरकार ने रिपोर्ट्स में कही गई बातों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।
मंत्री ने बताया, 'विदेश मंत्रालय ने 5 फरवरी को भारत भेजे गए निर्वासित लोगों के साथ किए गए व्यवहार, विशेष रूप से महिलाओं पर बेड़ियों के इस्तेमाल के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों के सामने अपनी चिंताएं दर्ज करवाई हैं। अमेरिका ने पुष्टि की है कि 15-16 फरवरी को भारत में उतरने वाली उड़ानों में किसी भी महिला या बच्चे को नहीं रोका गया था।'
अमेरिका ने भारत की चिंताओं का जवाब दिया
उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारत की चिंताओं का जवाब दिया है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि किसी भी निर्वासित भारतीय से धार्मिक पगड़ी नहीं उतारने को कहा गया और उनकी फ्लाइट में केवल शाकाहारी खाना दिया गया।
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शाकाहारी खाने के अनुरोध
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, 'जवाब में अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि 5, 15 और 16 फरवरी को आने वाली तीन चार्टर्ड उड़ानों में निर्वासित लोगों को कोई धार्मिक पगड़ी हटाने का निर्देश नहीं दिया गया था। निर्वासित लोगों ने फ्लाइट में शाकाहारी खाने के अनुरोध के अलावा किसी ने भी धार्मिक सुविधा का अनुरोध नहीं किया था।'
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले सैकड़ों भारतीय नागरिकों को लेकर तीन अलग-अलग सैन्य उड़ानें से भारत भेज दिया था।