केंद्र की मोदी सरकार ने मॉनसून सत्र के दौरान संसद में 'भ्रष्ट नेता हटाओ बिल' पास किया है। इस बिल का बीजेपी सहित एनडीए के दलों ने स्वागत किया है तो विपक्ष इसका कड़ा विरोध कर रही है। बिल के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति संवैधानिक पद पर बैठा हो और एक महीने तक जेल में रहता है तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
अब भ्रष्ट नेता हटाओ बिल को लेकर चल रहे विवाद के बीच देश के दो बड़े नेता आपस में भिड़ गए हैं। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भ्रष्ट और अपराधी नेताओं को अपना पद छोड़ने की बात कही। अमित शाह के इस बयान पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जोरदार पलटवार किया है।
यह भी पढ़ें: सिंधु समझौता निलंबित, फिर भी भारत ने पाक को दी संभावित बाढ़ की जानकारी
अमित शाह ने क्या कहा है?
गृह मंत्री शाह ने कहा, 'अगर कोई पांच साल से ज्यादा सजा वाले केस में जेल जाता है और उसे 30 दिन में बेल नहीं मिलती, तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा, कोई छिटपुट आरोप के लिए पद नहीं छोड़ना पड़ेगा। मगर जिन पर करप्शन के आरोप हैं, या पांच साल से ज्यादा सजा के आरोप हैं, ऐसे मंत्री, CM या PM जेल में बैठकर सरकार चलाएं ये कितना उचित है?'
'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल को लेकर गृह मंत्री ने आगे कहा, 'अगर यह कानून लागू होता, तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ता। जब उनके बाहर आने के बाद जनता ने विरोध करना शुरू किया, तो उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया, और आतिशी जी को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाया क्योंकि जैसे ही उन्होंने घूमना शुरू किया, जनता उनसे सवाल पूछने लगी।'
यह भी पढ़ें: हाई कोर्ट ने पलटा CIC का फैसला, नहीं दिखाई जाएगी PM मोदी की डिग्री
केजरीवाल ने किया पलटवार
अमित शाह के इन बयानों पर केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पलटवार करते हुए कहा कि गृह मंत्री शाह अपनी पार्टी में भ्रष्ट नेताओं को शामिल करके उन्हें मंत्री और मुख्यमंत्री बना देते हैं। केजरीवाल ने कहा, 'जो व्यक्ति गंभीर गुनाहों के मुजरिमों को अपनी पार्टी में शामिल करके उनके सारे केस रफा दफा करके उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता है, क्या ऐसे मंत्री/प्रधान मंत्री को भी अपना पद छोड़ना चाहिए? ऐसे व्यक्ति को कितने साल की जेल होनी चाहिए?'
केजरीवाल ने आगे कहा, 'अगर किसी पर झूठा केस लगाकर उसे जेल में डाला जाए और बाद में वो दोषमुक्त हो जाए, तो उस पर झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितने साल की जेल होनी चाहिए?'
सहमत क्यों नहीं हैं शाह?
वहीं, गृह मंत्री शाह ने नेताओं द्वारा इस्तीफा देने को लेकर कहा, 'आडवाणी जी, मदनलाल खुराना और कई अन्य लोगों ने इस्तीफा दे दिया था। अभी हेमंत सोरेन जी ने इस्तीफा दे दिया है... जो भी किसी मामले में आरोपी होता था, वह इस्तीफा दे देता था। बरी होने के बाद, वे फिर से राजनीति में आ जाते थे। तमिलनाडु के कुछ मंत्रियों ने इस्तीफा नहीं दिया। दिल्ली के मंत्री और मुख्यमंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया। अगर राजनीति और सामाजिक जीवन की नैतिकता का स्तर इस तरह से गिराया जा रहा है, तो हम इससे सहमत नहीं हैं।'
विपक्ष के 30 मंत्री जेल गए
बता दें कि 2014 से अब तक विपक्ष के 30 मंत्री और मुख्यमंत्री जेल जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर लंबे समय तक हिरासत में रहे हैं। इसी समय काल में बीजेपी या एनडीए के किसी भी मंत्री को गिरफ्तार नहीं किया गया और ना ही वो जेल गया। अगर केंद्र द्वारा पेश किया गया भ्रष्ट नेता हटाओ बिल पास होता तो विपक्ष के साथ में बीजेपी ने नेताओं को भी अपनी कुर्सी गंवानी होती।