केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने शुक्रवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर मंदिर में दर्शन करने के बाद अपने एक्स हैंडल पर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) से आग्रह करते हुए लिखा कि तिरुमला से गैर हिंदू कर्मचारियों को हटाया जाए ताकि हिंदू परंपरा की रक्षा की जा सके। उन्होंने दावा किया कि टीटीडी में अब भी 1000 से ज्यादा गैर-हिन्दू कर्मचारी काम कर रहे हैं। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति बालाजी) का संचालन करता है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर दावा करते हुए लिखा, 'टीटीडी में 1000 से अधिक गैर-हिंदू कर्मचारी क्यों हैं? क्या कभी मस्जिदों या चर्चों में हिंदुओं को नौकरी मिलती है? यह नफरत की बात नहीं है, यह धर्म की बात है। टीटीडी को तुष्टीकरण की राजनीति का मंच नहीं बनना चाहिए।'
बंदी संजय ने कहा कि टीटीडी का मिशन स्पष्ट होना चाहिए। मंदिरों का विकास करना, परंपराओं की रक्षा करना और मंदिरों से जुड़ी सभी जिम्मेदारियां केवल हिंदूओं को ही सौंपनी चाहिए। मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा, 'टीटीडी किसी व्यक्ति की संपत्ति नहीं है, यह केवल हिंदुओं की धार्मिक संस्था है। सभी को 'सनातन धर्म' की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने टीटीडी अध्यक्ष से यह भी आग्रह किया कि वह तेलंगाना के कोण्डागट्टू, करीमनगर, वेमुलावाड़ा और इल्लंताकुंटा के मंदिरों के विकास पर ध्यान दें।
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कर्मचारी को किया निलंबित
टीटीडी ने 3 जुलाई को अपने सहायक कार्यकारी अधिकारी ए. राजशेखर बाबू को निलंबित कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ए. राजशेखर बाबू तिरुपति जिले के पुत्तूर में हर रविवार चर्च की प्रार्थना में भाग ले रहे थे। टीटीडी के अनुसार, 'एक हिंदू धार्मिक संस्था के कर्मचारी के रूप में उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया है और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया है।'
पहले भी की जा चुकी है कार्रवाई
ए.राजशेखर को निकालने से पहले फरवरी 2025 में टीटीडी ने कुल 18 कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी, जो गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में भाग ले रहे थे। यह कार्रवाई टीटीडी के नए अध्यक्ष बी. आर. नायडू के उस ऐलान के बाद हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि टीटीडी और इससे जुड़े संस्थानों में केवल हिंदू ही कार्य कर सकते हैं।