दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) द्वारा दायर एक कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में यूट्यूबर मोहक मंगल और गूगल को नोटिस जारी किया। एएनआई ने आरोप लगाया है कि मोहक मंगल ने उनकी वीडियो को बिना किसी अनुमति के अपने लिए में इस्तेमाल किया। जिला न्यायाधीश (कॉमर्शियल कोर्ट) बलवंत राय बंसल ने हालांकि, वीडियो को हटाने के लिए कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया और मामले को 26 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
यह एएनआई द्वारा मंगल के खिलाफ दायर किया गया दूसरा मुकदमा है। दिल्ली हाई कोर्ट में दायर एक मुकदमे में, एएनआई ने मंगल पर उनके कॉमेन्ट्स के आधार पर बदनामी और मानहानि का आरोप लगाया, जिसमें मंगल ने कहा था कि यूट्यूब पर कॉपीराइट स्ट्राइक और उनकी वीडियो का इस्तेमाल करने के लिए लाइसेंसिंग फीस की मांग करना ब्लैकमेलिंग के बराबर है। 29 मई को, मंगल ने वीडियो में एजेंसी के बारे में आपत्तिजनक बातों को हटाने के लिए सहमति व्यक्त की थी।
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लगाए कई आरोप
नए मुकदमे में, जिला कोर्ट के सामने एएनआई ने आरोप लगाया कि मंगल ने अपने चैनल पर एएनआई के दस वीडियो गैर-कानूनी रूप से और बिना अनुमति के यूज़ किए हैं। एएनआई ने यह भी दावा किया कि मंगल ने न्यूज एजेंसी के लोगो (Logo) का बिना अनुमति के इस्तेमाल किया है।
इसलिए, एएनआई ने स्थायी और अनिवार्य तौर पर रोक लगाने का आदेश देने के साथ-साथ कथित कॉपीराइट उल्लंघन, पाइरेसी, प्लेजियारिज्म, गलत तरीके से लाभ लेने और अन्य गलतियों के लिए 50 लाख रुपये के नुकसान की मांग की है।
एएनआई की तरफ से वकील सिद्धांत कुमार ने तर्क दिया कि न्यूज एजेंसी ने हाई कोर्ट के सामने केवल एक वीडियो पर आपत्ति जताई थी।
कुमार ने कहा, 'मैंने हाई कोर्ट के सामने केवल एक वीडियो पर आपत्ति जताई थी, जिसमें वह मानहानि वाले शब्दों का इस्तेमाल किया गया था।'
Status Quo की मांग की
उन्होंने कहा कि इस मुकदमे में चुनौती दी गई वीडियो को उल्लंघन के कारण हटा दिया गया है, लेकिन यूट्यूब की पॉलिसी के मुताबिक उन्हें फिर से उपलब्ध कराया जा सकता है। इसलिए, उन्होंने ‘स्टेटस को’ (status quo) आदेश की मांग की। कुमार ने यह भी कहा कि मंगल एएनआई की वीडियो को बिना अनुमति के इस्तेमाल नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, 'वह मेरे कॉन्टेंट की कॉपी करके पैसे कमा रहे हैं। वह मेरी वीडियो का इस्तेमाल करने से इनकार नहीं करते, वह कहते हैं कि उन्हें इसका इस्तेमाल करने का अधिकार है। वह मेरी सामग्री को शब्दश: कॉपी नहीं कर सकते। वह मेरे पत्रकारों और वीडियोग्राफर की वीडियो को कॉपी नहीं कर सकते।' इसके जवाब में, वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर लाल, जो मंगल की ओर से पेश हुए, ने एएनआई पर फोरम शॉपिंग का आरोप लगाया।
नहीं दिया अंतरिम आदेश
लाल ने कहा, 'समान तथ्यों पर दिल्ली हाई कोर्ट में राहत के लिए मुकदमा दायर किया गया था और राहत नहीं दी गई।' उन्होंने कहा कि मंगल मुकदमे को हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग करेंगे।
कोर्ट ने इसके बाद मुकदमे पर नोटिस जारी किया और एएनआई से दूसरे पक्ष को पूरी शिकायत की कॉपी देने को कहा। कोर्ट ने कहा कि वे अपना लिखित बयान और रोक लगाने के आदेश के आवेदन पर जवाब दाखिल कर सकते हैं। न्यायाधीश ने कहा, 'मैं कोई [अंतरिम आदेश] पारित नहीं कर रहा हूं। मैं अगली तारीख को सुनवाई करूंगा।'
‘वीडियो की वजह से कमाए पैसे’
एएनआई ने मुकदमे में कहा है कि उनकी वीडियो को मंगल ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपने सब्सक्राइबर और जनता तक व्यापक रूप से पहुंचाया, जिनके सब्सक्राइबर्स की संख्या चार मिलियन से अधिक थी।
मुकदमें में कहा गया कि वीडियो का उपयोग करने की वजह से मंगल को व्यूवर्स को अपनी तरफ मोड़ने में सफलता मिली जो कि अन्यथा एएनआई की तरफ आते इसलिए एएनआई के वीडियो की वजह से उन्होंने लाभ कमाया।