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दुनिया का सबसे बड़ा एनीमल रेस्क्यू सेंटर, क्या है वनतारा की विशेषताएं?

मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा एनीमल रेस्क्यू सेंटर। इसे वनतारा के नाम से भी जानते हैं। आइए जानते हैं क्या है इसकी विशेषता ?

Anant Ambani

अनंत अंबानी Photo Credit: Vantara animal Kingdom/Facebook

सोशल मीडिया पर आजकल वनतारा के खूब चर्चे हैं, आपने वहां की तस्वीरों को भी देखा ही होगा। मंगलवार को वनतारा वन्यजीव बचाव और पुनर्वास एवं संरक्षण केन्द्र का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इस दौरान जंगली जानवरों के साथ और शावकों को दूध पिलाते हुए उनकी फोटो भी वायरल हुई। वनतारा वन्य जीव संरक्षण गुजरात के जाम नगर में स्थित है। 3000 एकड़ में फैले वनतारा को हरे-भरे जंगल जैसा आकार देने की कोशिश की गई है। यह प्रोजेक्ट भारत के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी का है।

 

वनतारा शब्द पहली बार साल 2024 में अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के शादी के दौरान सुना गया था। तभी से लोगों के दिमाग में वनतारा को लेकर अनेक सवाल चल रहे थे। बताते चलें कि वनतारा का अर्थ जंगल का सितारा के तौर पर जाना जाता है। आज इस लेख के जरिए आप सबको वनतारा के बारे में पूरी जानकारी देंगे। वनतारा क्या है? इसके पीछे का उद्देश्य, वनतारा कब से शुरू हुआ, कितने तरह की वन्य प्रजातियां यहां मौजूद हैं, इनमें संकट ग्रस्त प्रजातियां कौन-कौन सी हैं, किस तरीके के वन्य जीव बचाव केन्द्र यहां स्थित हैं? आइए जानते हैं इन सारे सवालों के जवाब।   

 

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कैसे बना वनतारा?

वनतारा गुजरात के जामनगर में स्थित एक पशु संरक्षण केंद्र है। यह रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने मिलकर बनाया है। यह मूल रूप से जानवरों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। यहां पर चोट खाए या सताए गए जानवरों को रखा जाता है उनकी देखभाल की जाती है इसके बाद उनको जंगलों में उनके स्थान पर छोड़ दिया जाता है। वनतारा में लगभग 2 हजार से अधिक प्रजातियां और 1.5 लाख से अधिक बचाए गए, लुप्तप्राय और संकटग्रस्त जानवरों का घर है। वनतारा प्रोजेक्ट मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी की सोच का नतीजा है। अनंत अंबानी ने साल 2024 में एक इंटरव्यू के दौरान वनतारा का जिक्र करते हुए बताया ‘ये मेरा पैशन है’, क्योंकि बेजुबानों की सेवा सबसे बड़ी सेवा है।’

 

वनतारा पशु सेवालय

क्यों बना वनतारा?

वनतारा जामनगर एनिमल रेस्क्यू सेंटर या वनतारा एनिमल किंगडम बनाने के पीछे रिलायंस ग्रुप का मूल उद्देश्य भारत और दूसरे देश के बीमार और लुप्त हो रहे जानवरों की प्रजाति की देखभाल करने, उनका संरक्षण करने, उनका उपचार करने और उनका पुनर्वास करने की है। यह दुनिया का सबसे बड़ा एनिमल रेस्क्यू सेंटर है। इससे पहले इस प्रकार का एनिमल रेस्क्यू सेंटर भारत में नहीं बनाया गया था। यहां जानवरों की पूरी देखभाल करने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।

 

वनतारा पशु पुनर्वास केंद्र या फिर पशु सेवालाय जामनगर रिलायंस रीफाइनरी कॉम्प्लेक्स के नजदीक ग्रीन बेल्ट एरिया के अंदर 3000 एकड़ की लंबी-चौड़ी जगह मे फैला हुआ है। अनंत अंबानी ने एक वीडियो मे कहा था 'भारतीय संस्कृति में प्रकृति को मां का दर्जा दिया गया है, हम सब इसी प्रकृति में रहते हैं, ऐसे में सभी जीव एक फैमिली हैं। तो उसी फैमिली को देखते हुए वनतारा प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है।'

 

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कब शुरू हुआ वनतारा?

वनतारा वन्य जीव संरक्षण की शुरुआत कोविड के समय में की गई थी। इस रेस्क्यू सेंटर को बनाने के लिए अंबानी परिवार ने 3000 एकड़ जमीन पर जंगल खड़ा कर दिया। जानवरों को जंगल वाला अहसास दिलाने के लिए इस एरिया को हरे-भरे पेड़ों से तैयार किया गया है। पिछले कुछ सालों में यहां 200 हाथियों और कई हजारों दूसरे जानवरों और पक्षियों को भी रखा गया है। यहां केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पशुओं को लाया गया है।

वनतारा में मौजूद वन्य प्रजातियां

अनुमान के मुताबिक फरवरी 2024 मे वनतारा में पक्षियों और जानवरों की संख्या 4,700 से अधिक थी। इनमें से तमाम प्रजातियां ऐसी भी थीं जिनके बारे में पता नहीं था। वनतारा में कुल मिलाकर 857 दलदल में रहने वाले मगरमच्छ, 229 तेंदुए, 76 हाइब्रिड शेर, 71 बाघ, 12,00 से अधिक ईगुआना ओर 225 अफ्रीकी कछुए शामिल है। उसके साथ-साथ अफ्रीका के मीठे पानी में पाए जाने वाले नील मगरमच्छ (क्रोकोडाइलस निलोटिकस), दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले खारे पानी के मगरमच्छ (क्रोकोडाइलस पोरोसस), दुनिया के सबसे बड़े मगरमच्छ और सबसे बड़े जीवित सरीसृप भी मौजूद हैं। 

 

इन सभी के साथ ही यहां घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस), जिसे गेवियल या मछली खाने वाला मगरमच्छ भी कहा जाता है, भूरे भालू या ध्रुवीय भालू भी हैं। इसका वैज्ञानिक नाम उर्सस मैरिटिमस है। इसे 'समुद्री भालू' भी कहा जाता है। इसके अलावा काले भालू ,अफ्रीकी शेर और चीते, नील दरियाई घोड़े, चिम्पैंजी, इंडोनेशिया और मलेशिया के जंगलों में पाए जाने वाले ओरंगउटान, छिपकलियों की प्रजाति का सबसे बड़ा जानवार कोमोडो ड्रैगन और भी बहुत सारे वन्यजीव वनतारा ने बचाए हैं और उनकी देखभाल की जा रही है।  

 

 नील मगरमच्छ की प्रजाति

संकट ग्रस्त प्रजातियां

इस लिस्ट में 26 से ज्यादा स्पीक्स मैको शामिल हैं, जो मूल रूप से ब्राजील में पाए जाते हैं। जंगलों में इनकी प्रजाति विलुप्त हो चुकी है। इन्हें ब्राजील के कैप्टिव प्रजनन फेसिलिटी में रखा गया था। इसके अलावा वनतारा में सफेद नाक के बंदर भी मौजूद हैं। साथ ही मेडागास्कर के उत्तर-पूर्व में स्थित मासोआला वर्षा वनों में मूल रूप से पाए जाने वाले रेड रफ्ड लेमूर को भी यहां रखा गया है। 

 

संकट ग्रस्त प्रजाति में हाथी भी शामिल हैं। वनतारा में हाथियों पर विशेष ध्यान देते हुए  998 एकड़ में इनके लिए अलग रहने की व्यवस्था की गई है जहां पर ये स्वतंत्र रूप से घूम-फिर सकते हैं। यहां हरे-भरे पेड़ों के होने के वजह से इनके लिए भरपूर मात्रा में चारा भी उपलब्ध है, साथ ही कीचड़ और धूल मिट्टी में खेलने की भी व्यवस्था है। इस एरिया में प्राकृतिक तालाब भी बनाए गए हैं जिनमें वे नहा सकते हैं।

 

वनतारा में हाथी देखभाल केंद्र में अभी तक 240 से अधिक हाथियों को स्वस्थ करके उन्हें नया जीवन देकर मुक्त कर दिया गया है।

 

मेडागास्कर का मूल निवासी रेड रफ्ड लेमूर और सुरीकेट

वन्य जीवों को मिलने वाली सुविधाएं

वनतारा में वन्य जीवों की सुरक्षा और उनके बचाव के लिए अस्पताल बनाया गया है। जिसमें पशु चिकित्सा के लिए एमआरआई, सीटी स्कैन, आईसीयू आदि से सुसज्जित हास्पिटल है तथा इसमें वन्यजीव एनेस्थीसिया, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, एंडोस्कोपी, दंत चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा आदि सहित कई विभाग मौजूद हैं।

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