logo

ट्रेंडिंग:

असम के हाथ लग गया खजाना? समझें कैसे रातोरात बदल गई किस्मत

असम के डिब्रूगढ़ के नामरूप बोरहाट-1 कुएं में हाइड्रोकार्बन मिल गया है। इसका मतलब हुआ कि कच्चे तेल और गैस का भंडार मिल गया है। अब असम सीधे तेल उत्पादन से कमाने वाला पहला राज्य बन जाएगा।

assam oil production

सीएम हिमंता बिस्वा सरमा। (Photo Credit: PTI)

पुरानी फिल्मों में अक्सर दिखाया जाता था कि किसी को गड़ा खजाना मिला और उसकी किस्मत बदल गई। कुछ ऐसा ही अब असम के साथ हो गया है। असम के हाथ भी एक खजाना लग गया है, जिससे उसकी चांदी-चांदी हो सकती है। 

 

दरअसल, असम के डिब्रूगढ़ जिले में नामरूप बोरहाट-1 कुएं में हाइड्रोकार्बन मिला है। हाइड्रोकार्बन यानी कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का भंडार। इससे अब असम पहला राज्य बन जाएगा, जो तेल के उत्पादन में सीधे तौर पर शामिल होगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने X पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है।

 

उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने नामरूप बोरहाट-1 में हाइड्रोकार्बन की खोज की है। इससे असम सीधे तेल का उत्पादन करने वाला पहला राज्य बन गया है। उन्होंने इसे राज्य के लिए 'प्राउड मोमेंट' बताया है।

 

 

अब तक असम का रोल सिर्फ इतना था कि वह तेल के उत्पादन के लिए संसाधन देता था और बदले में उसे रॉयल्टी मिलती थी। मगर अब तेल निकालने और इसके उत्पादन में भी असम की भूमिका होगी। 

 

यह भी पढ़ें-- 60 लाख की कार लाकर देसी कंपनियों से कैसे मुकाबला करेगी एलन की टेस्ला?

असम और तेल का खेल

तेल के मामले में असम किस्मत वाला रहा है। साल 1889 में दिगबोई में यहां तेल का पहला कुआं खोजा गया था। इसके बाद 1901 में यहां पहली ऑयल रिफाइनरी खोली गई थी। कच्चे तेल के लिए असम बड़ा स्रोत रहा है। भारत में कच्चे तेल का जितना उत्पादन होता है, उसमें भी असम तीसरे नंबर पर है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुताबिक, 2023-24 में असम में 43.61 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ था। 

 

आंकड़ों से पता चलता है कि 2021-22 से 2023-24 के बीच तीन सालों में भारत में कुल 8.82 करोड़ मीट्रिक टन तेल का उत्पादन हुआ था। इसमें से 1.25 करोड़ मीट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन असम में हुआ था।

 

सबसे ज्यादा 1.53 करोड़ मीट्रिक टन उत्पादन राजस्थान में हुआ था। वहीं, दूसरे नंबर पर गुजरात था, जहां 1.44 करोड़ मीट्रिक टन तेल का उत्पादन हुआ था इसके बाद तमिलनाडु में 9.85 लाख मीट्रिक टन, आध्र प्रदेश में 6.88 लाख मीट्रिक टन, अरुणाचल प्रदेश में 1.47 लाख मीट्रिक टन और पश्चिम बंगाल में सिर्फ 60 मीट्रिक टन तेल का उत्पादन हुआ था।

 

यह भी पढ़ें-- 9 साल का इंतजार कैसे हुआ खत्म? टेस्ला की इंडिया में एंट्री की कहानी

अब असम को क्या फायदा होगा?

भारत में जितना कच्चे तेल का उत्पादन होता है, उसमें से 14 फीसदी असम में होता है। असम के दिगबोई, गुवाहाटी, बोंगाईगांव और नुमालीगढ़ में ऑयल रिफाइनरी भी हैं। ऑयल रिफाइनरी में ही कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल में तब्दील किया जाता है।

 

अब तक असम की सरकार तेल के सीधे उत्पादन में शामिल नहीं थी। भारत में तेल का उत्पादन ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) जैसी सरकारी कंपनियां करती हैं। यह केंद्र सरकार की कंपनियां हैं। किसी राज्य में तेल का उत्पादन भी यहीं कंपनियां करती हैं। इसके बदले में राज्य को रॉयल्टी दी जाती है।

 

तो अब तक यह होता था कि OIL या ONGC जैसी सरकारी कंपनियां असम की जमीन से तेल निकालती थीं और इसके बदले में राज्य को रॉयल्टी देती थी। दिसंबर 2023 में केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि 2019-20 से 2022-23 के बीच इसके बदले में असम को 9,291 करोड़ रुपये की रॉयल्टी दी गई है। यह रॉयल्टी कच्चे तेल के उत्पादन में दी गई थी। 

 

कच्चे तेल के अलावा देश की 10% प्राकृतिक गैस भी असम में बनती है। प्राकृतिक गैस के लिए असम को 2019 से 2023 के बीच 851 करोड़ रुपये रॉयल्टी के तौर पर मिले थे।

 

कुल मिलाकर अब तक सरकारी कंपनियां तेल के बदले रॉयल्टी देती थीं। मगर अब तेल के सीधे उत्पादन में असम सरकार की भी हिस्सेदारी होगी, इसलिए इससे जो मुनाफा होगा, वह भी असम को मिलेगा। यानी, रॉयल्टी और टैक्स तो मिलेगा ही मिलेगा, अब तेल के उत्पादन से होने वाला मुनाफा भी असम को मिलेगा।

 

यह भी पढ़ें-- कैसे इलेक्ट्रिक बनेगा इंडिया? समझें क्या है भारत में EV का फ्यूचर

कितना मुनाफा मिलेगा असम को?

ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने नामरूप बोरहाट-1 कुएं में हाइड्रोकार्बन की खोज की है। यह ऐसा कुआं है, जिसमें असम सरकार की भी हिस्सेदारी है। 

 

इसमें असम सरकार की कितनी हिस्सेदारी है? इसका सटीक आंकड़ा नहीं है। हालांकि, इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि OIL और असम सरकार की कंपनी असम हाइड्रोकार्बन एंड एनर्जी कंपनी लिमिटेड (AHECL) के बीच एक MoU पर साइन हुए थे। इस समझौते के तहत, AHECL को 125 वर्ग किलोमीटर में फैले नामरूप ब्लॉक में 10% हिस्सेदारी मिली थी। 

 

जिस नामरूप बोरहाट-1 कुएं में हाइड्रोकार्बन मिला है, वह उसी नामरूप ब्लॉक में आता है, जहां AHECL के पास 10% हिस्सेदारी है। 

 

अगर इस हिसाब से अनुमान लगाया जाए कि सालभर में यहां से तेल उत्पादन से 50 करोड़ का मुनाफा होता है तो 10% के हिसाब से असम सरकार को 5 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अलावा रॉयल्टी भी मिलेगी।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap