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'असम खतरनाक जगह हो गई है', सैयदा हमीद ने फिर दिया विवादित बयान

सैयदा हमीद ने असम को मॉन्सटर कहा है और इसे खतरनाक जगह बताया है। इसके बाद फिर से एक बार बवाल मच गया है।

saiyada hameed । Photo Credit: AI Generated

सैयदा हमीद । Photo Credit: AI Generated

असम में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद के हालिया बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। मंगलवार को हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशनल क्लब के बाहर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि हमीद ने असम में हो रही कार्रवाई का विरोध करते हुए बांग्लादेशी घुसपैठियों का समर्थन किया है। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन में लगभग दस लोग शामिल थे जिन्हें तुरंत हटाया गया।

 

मंगलवार को उन्होने एक बयान में कहा कि असम ऐसा पहले नहीं था। असम राक्षस की तरह हो गया है। यह खतरनाक जगह हो गई है। मुसलमानों को पहले भी मियां कहा जाता था, लेकिन अच्छे भाव में लेकिन अब मियां को खराब तरीके से प्रदर्शित किया जाता है।

 

दो दिन पहले भी हुआ था विवाद

दरअसल, रविवार को नागरिक मंच असोम नागरिक सन्मिलन की ओर से आयोजित एक सेमिनार में सैयदा हमीद ने असम में मुसलमानों की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि मुसलमानों को अक्सर ‘बांग्लादेशी’ कहकर निशाना बनाया जाता है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में हमीद को यह कहते सुना गया—'बांग्लादेशी होना अपराध क्यों है? बांग्लादेशी भी इंसान हैं। दुनिया इतनी बड़ी है, वे यहां भी रह सकते हैं। वे किसी के अधिकार नहीं छीन रहे।’ उन्होंने आगे कहा कि दुनिया इंसानों के लिए बनी है, राक्षसों के लिए नहीं, फिर किसी को इस तरह से उजाड़ने की जरूरत क्यों है।

 

 

उन्होंने यह भी कहा कि असम ऐसा पहले नहीं था। असम मॉन्सटर की तरह हो गया है। यह खतरनाक जगह हो गई है। मुसलमानों को पहले भी मियां कहा जाता था, लेकिन अच्छे भाव में लेकिन अब मियां को खराब तरीके से प्रदर्शित किया जाता है।

हुआ था विरोध

उनके इस बयान के सामने आने के बाद हिंदू संगठनों में नाराज़गी फैल गई। कॉन्स्टिट्यूशनल क्लब के बाहर हुए प्रदर्शन में कार्यकर्ता तख्तियां लेकर पहुंचे जिन पर लिखा था—'हेमंत जी का एक ही सपना, घुसपैठियों से मुक्त हो असम अपना’ और 'असम की संस्कृति, असम का शान, नहीं होने देंगे कोई नुकसान।’ हिंदू सेना का कहना है कि असम की अस्मिता और पहचान को बचाने के लिए अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने जरूरी हैं।

 

गौरतलब है कि असम में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा लंबे समय से राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का केंद्र रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा बार-बार कह चुके हैं कि अवैध घुसपैठियों की वजह से असम की संस्कृति और अस्मिता खतरे में है। उनका मानना है कि एनआरसी और प्रशासनिक अभियान केवल इसी समस्या से निपटने के लिए चलाए जा रहे हैं, न कि किसी धर्म या समुदाय को टारगेट करने के लिए।

 

 

वहीं, विपक्षी दलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार इस मुद्दे का इस्तेमाल मुसलमानों को डराने और हाशिए पर धकेलने के लिए करती है। उनका कहना है कि घुसपैठ रोकने के नाम पर अक्सर असम के ही स्थानीय मुस्लिम समुदाय को परेशान किया जाता है। इसी संदर्भ में हमीद ने असम में मुसलमानों की पहचान और अधिकारों की बात की, लेकिन उनकी टिप्पणी 'बांग्लादेशी होना अपराध क्यों है’ को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ गईं।

गोगोई कनेक्शन

असम सरकार में मंत्री पीयूष हजारिका ने सैयदा हमीद के बांग्लादेशियों को भारत में रहने को लेकर वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्लानिंग कमीशन की पूर्व सदस्या रही सैयदा को कट्टर मियां समर्थक बताया। हमीद के पॉलिटिकल कनेक्शन को लेकर कहा कि इनका कांग्रेस और गौरव गोगोई के परिवार के साथ बहुत पुराना संबंध है। उन्होंने आगे कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब असम में मुस्लिमों के संबंध में कई सेमिनार किए गए जिसमें इन्हें वक्ता के तौर पर बुलाया जाता था।

 

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