भारत के पड़ोसी मुल्कों में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के आंकड़े बताए। आंकड़ों से पता चलता है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाओं में सात गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
शुक्रवार को लोकसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के आंकड़े रखे। उन्होंने बताया कि इस साल 8 दिसंबर तक बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के 2,200 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। जबकि, 2023 में 302 और 2022 में 47 मामले सामने आए थे।
इसी तरह से पाकिस्तान में भी हिंदुओं पर हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। सरकार के मुताबिक, इस साल अक्टूबर तक पाकिस्तान में हिंदुओं पर हिंसा की 112 घटनाएं हुईं हैं। जबकि, पिछले साल 103 और 2022 में 241 मामले सामने आए थे।
बांग्लादेश की घटनाओं पर भारत ने क्या किया?
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट होने के बाद से हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। हाल ही में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ढाका गए थे और वहां उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था।
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि 'भारत ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार के साथ साझा किया है। भारत को उम्मीद है कि बांग्लादेश की सरकार हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।' उन्होंने बताया कि ढाका में भारतीय उच्चायोग भी अल्पसंख्यकों की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
पाकिस्तान से सरकार ने क्या कहा?
संसद में जवाब देते हुए उन्होंने बताया, 'पाकिस्तान से धार्मिक असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा, उत्पीड़न और अल्पसंख्यकों पर हमलों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।'उन्होंने बताया कि समय-समय पर भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को उजागर करता रहता है।