बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 मार्च को मची भगदड़ के सिलसिले में अब ऐक्शन शुरू हो गया है। शुक्रवार सुबह पुलिस ने RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA एंटरटेन्मेंट से जुड़े अधिकारियों को हिरासत में ले लिया है। इस मामले में पुलिस ने एक दिन पहले ही FIR दर्ज की थी। मामले में RCB, DNA और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) को आरोपी बनाया गया है।
3 जून को IPL के फाइनल में पंजाब किंग्स इलेवल (PBKS) को हराकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पहली बार इस टूर्नामेंट में जीत हासिल की थी। अगले दिन बेंगलुरु में विक्ट्री परेड निकाली गई थी। इस दौरान भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद को सस्पेंड कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले से जुड़े अधिकारियों को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया था।
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पुलिस ने किस-किसको हिरासत में लिया?
न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पुलिस ने अभी RCB और DNA से जुड़े अधिकारियों को हिरासत में लिया है।
पुलिस ने RCB के मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड निखिल सोसल और DNA के सुनील मैथ्यू और किरण कुमार को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि तीनों को हिरासत में लेकर पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। अब तक इनकी गिरफ्तारी को लेकर जानकारी सामने नहीं आई है।

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FIR में क्या-क्या सामने आया?
बेंगलुरु में मची इस भगदड़ की जांच CID को सौंप दी गई है। इस मामले में RCB को आरोपी नंबर-1, DNA को आरोपी नंबर-2 और KSCA को आरोपी नंबर-3 बनाया गया है।
FIR के मुताबिक, 3 जून की शाम 6 बजे KSCA के CEO शुभेंदु घोष ने कब्बन पार्क पुलिस इंस्पेक्टर से RCB के जीतने पर बुधवार शाम को स्टेडियम में जीत का जश्न मनाने की इजाजत मांगी, जिसके लिए उन्होंने बंदोबस्त की भी मांग की। इंस्पेक्टर ने कहा कि अगर RCB जीतती है तो लाखों लोग इकट्ठा होंगे और रात की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी पुलिस तैनात की जाएगी। KSCA मैनेजमेंट को यह भी बताया गया कि अगर स्टेडियम में जश्न मनाया जाता है तो लाखों लोग इकट्ठा होंगे और पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक डायवर्जन के लिए समय चाहिए होगा। इसके बाद KSCA को स्टेडियम में जश्न मनाने की अनुमति नहीं दी गई।
दर्ज FIR के मुताबिक, बुधवार की सुबह RCB ने इजाजत नहीं मिलने के बावजूद सोशल मीडिया पर अपने कार्यक्रम की घोषणा कर दी। इसे ध्यान में रखते हुए सीनियर पुलिस अफसरों ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई। सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फोर्स भी तैनात की गई। इसलिए RCB टीम को एयरपोर्ट से ताज वेस्ट एंड होटल और बाद में विधान सौध परिसर तक ले जाने के लिए जरूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जीत का जश्न शाम 5 बजे से स्टेडियम में शुरू होना था, इसलिए यहां भीड़ जुटने लगी थी। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था की लेकिन स्टेडियम में लगभग 35 हजार लोगों के बैठने की क्षमता थी।

आरोप लगाया है कि KSCA की मैनेजमेंट कमेटी और RCB के अधिकारी यह तय नहीं कर सके कि फैंस को स्टेडियम में एंट्री कैसे दी जाए। लगभग 3.10 बजे जहां सबसे ज्यादा भीड़ थी, वहां से लोगों को अंदर जाने के लिए गेट खोल दिए गए। इससे गेट पर भगदड़ मच गई।
पुलिस ने FIR में KSCA और RCB पर लापरवाही का आरोप लगाया है। साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि KSCA और RCB ने पास और फ्री जोन के बारे में सही से जानकारी नहीं दी थी।
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हाई कोर्ट ने 10 जून तक मांगी स्टेटस रिपोर्ट
इस मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए गुरुवार को सुनवाई की। कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट में बताया है कि इस मामले की जांच के लिए CID में SIT बनाई गई है। इसके साथ ही सरकार ने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस माइकल कुन्हा की अगुवाई में एक सदस्यीय आयोग बनाया गया। आयोग को एक महीने में अपनी रिपोर्ट देनी है। इस बीच RCB ने भी इस भगदड़ में मारे गए लोगों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।