बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना की सड़कों पर हजारों छात्र-छात्राएं विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस के लाठीचार्ज और गिरफ्तारी के बाद भी अभ्यर्थी सर्द भरे मौसम में आंदोलन कर रहे हैं। रि-एग्जाम की मांग पर अड़े अभ्यर्थियों ने गर्दनीबाग को प्रदर्शन स्थल बनाया है। हालांकि, लोक सेवा आयोग के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने साफ कर दिया कि परीक्षा दोबारा नहीं होगी।
एक तरफ प्रदर्शन के केंद्र में छात्रों की मांगें हैं तो दूसरी तरफ धरनास्थल गर्दनीबाग है। आखिर यह गर्दनीबाग जगह कहां है और इसकी नाम गर्दनीबाग कैसे पड़ा यह बहुत ही कम लोगों को पता है। लेकिन आइए हम आपको इस खबर में गर्दनीबाग के बारे में बताते हैं।
दरअसल, किसी भी शहर, कस्बे या गांव के नाम के पीछे उसके बसने की कहानी और एक इतिहास होता है। यह कहानी और इतिहास ही उस स्थान की जड़ों की ओर ले जाता है। ऐसी ही कुछ कहानी है गर्दनीबाग की है।
गर्दनीबाग नाम कैसे पड़ा?
गर्दनीबाग पटना के सबसे पुराने इलाकों में से एक है। इस इलाके में कभी आदिवासियों का डेरा रहा करता था। ऐसे में गर्दनीबाग कैसे पड़ा इस नाम के पीछे एक कहानी प्रचलित है। प्रचलित के अनुसार यहां गर्दनिया समुदाय के आदिवासी रहा करते थे। गर्दनिया समुदाय के लोग यहां से आने-जाने वाले यात्रियों के साथ लूट-मार करते थे। कहा जाता है कि गर्दनिया डाकू यात्रियों को लूटकर उन्हें मार देते थे।
इस तरह से इस जगह का नाम गर्दनीबाग पड़ गया। अब सैकड़ों साल बाद गर्दनीबाग एक बार फिर से देश में चर्चा का विषय बन गया है, लेकिन इसकी चर्चा छात्रों के संघर्ष के रूप में हो रही है।
गांधी मैदान में जुटे थे छात्र
बता दें कि बीते रविवार को पटना के गांधी मैदान में हजारों अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर जुटे थे। गांधी मैदान से प्रदर्शनकारी छात्र मुख्यमंत्री आवास जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही जेपी गोलबंर के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस ने छात्रों को रोकने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसमें कई छात्रों को चोटें आई हैं। साथ ही पुलिस ने मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं।
13 दिसंबर को शुरू हुआ मामला
यह मामला 13 दिसंबर को शुरू हुआ। बिहार में बीपीएससी की ओर से 70वीं इंटीग्रेटेड कंबाइंड कॉम्पिटेटिव एग्जाम (CCE) आयोजित की गई। बिहार के 912 सेंटर्स पर ये परीक्षा हुई। लेकिन बाद में पटना के बापू सेंटर पर बवाल हो गया। अभ्यर्थियों ने एग्जाम पेपर आधे घंटे की देरी से मिलने का आरोप लगाया। साथ ही पेपर कटे-फटे होने का दावा भी किया।
इस बीच बापू सेंटर के बाहर पेपर लीक का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। यहां डीएम चंद्रशेखर सिंह ने प्रदर्शन कर रहे एक छात्र को पर थप्पड़ जड़ दिया। उसी शाम बीपीएससी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ। बापू एग्जाम सेंटर में हुई कथित गड़बड़ी की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है।
आंदोलन कबतक रहेगा जारी?
जब बीपीएससी ने बापू सेंटर में हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया तो पूरी परीक्षा ही रद्द करने की मांग जोर पकड़ने लगी। 18 दिसंबर को 500 से ज्यादा अभ्यर्थी गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचे। सभी की मांग थी कि एक सेंटर की नहीं, बल्कि पूरी परीक्षा ही रद्द की जाए। 18 दिसंबर से ही छात्रों ने गर्दनीबाग को घरनास्थल बना लिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक कोई ठोस समाधान नहीं होता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।